हरियाणा के रोहतक जिले के कारौर गांव का इतिहास अबतक डरावना रहा है। यह गांव शहर से आधे घंटे की दूरी पर है और इसमें लगभग 5 हजार लोग रहते हैं। यहां की घटित घटनाएं एक आतंकवादी गैंग की कहानी को बताती हैं, जिसमें रिश्तेदारों के बीच हुई रंजिशों ने 22 सालों से इस गांव को डर का माहौल बना रखा है।
छाजू राम नामक आतंकवादी के नेतृत्व में शुरू हुई रंजिश में अब तक 19 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। इनमें 9 लोग छाजू गैंग के और 6 लोग छिप्पी गैंग के थे। इसके पीछे का कारण मुखबिरी की शक में मारे गए लोग भी शामिल हैं। गांव चुलियाणा में हाल ही में हुई फौजी ढाबा पर हुई दनादन फायरिंग के मास्टरमाइंड जतिन को मिला गोली मारकर हत्या कर दिया गया। फौजी ढाबा के मालिक कारौर निवासी जयकुमार के पिता कृष्णा कुमार की 2011 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और इस हत्याकांड का इल्जाम छाजू राम और पूर्व सरपंच श्रीभगवान पर लगा था। हालांकि छाजू राम और श्रीभगवान अब नहीं हैं, लेकिन उनके पोते जतिन ने उनकी राह पर चलते हुए फिर से गैंग गतिविधियों में प्रवृत्त हो गया है।
7 में से 5 बेटों की हो गई थी हत्या
छाजू राम ने 1998 से 2008 तक अपने गांव में आतंक फैलाया और उसने उस दौरान जो चाहा उसे टारगेट किया। उसके बेटे भी उसकी गैंग में शामिल हो गए थे। दबंगई के चलते उसका बेटा श्रीभगवान गांव का सरपंच बना, लेकिन इसी बीच उसने गैंगस्टर अनिल छिप्पी के साथ दुश्मनी पाल ली और इसके परिणामस्वरूप रामे कुमार का मर्डर हो गया। इस कत्ल का आरोप भी छाजू राम और उसके बेटों पर लगा। इस घड़ी के चलते छाजू राम के 7 में से 5 बेटों की हत्या हो गई और एक तरह से छाजू गैंग का सफाया हो चुका था। छाजू राम के बेटे श्रीभगवान की पत्नी अपने बेटे जतिन को लेकर अपने मायके टिटौली चली गई।
दिवाली के दिन हत्या कर फरार हुआ जतिन
दिवाली के दिन 12 नवंबर को जतिन ने छिप्पी गैंग के मोहित की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। मोहित पर जतिन के चाचा आनंदपाल की हत्या में रेकी करने का आरोप था। इस हत्याकांड में जतिन के कुछ साथी पकड़े गए हैं, लेकिन वह फिर भी फरार है। फरारी के दौरान ही उसने 20 नवंबर को चुलियाणा में फौजी ढाबा पर फायरिंग की।