हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्दी शुरू हो सकता है। अभी तक सत्र के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं हुई है। लेकिन 25 नवंबर से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले इसे करवाया जा सकता है। कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र बुलाने की सरकार तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं और राज्यपाल को पत्र भी लिख दिया है।
इससे पहले एक दिवसीय सत्र लगाया गया जिसमें सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया गया। वहीं हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर सत्र बुलाया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा जब सदन की मुख्य कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के होगी।
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अपने एजेंडे रखेंगे। इस बार कई विधायक पहली बार निर्वाचित हुए हैं ऐसे में वह अपने क्षेत्र की मांगों व बातों को सदन में रखेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र दो दिन तक चल सकता है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शीतकालीन सत्र होने जा रहा है।
विधानसभा को पहली बार नेता प्रतिपक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है।