हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी ने टिकट वितरण में न सिर्फ नाराज नेताओं को साधने की कोशिश की, बल्कि जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा। खास बात यह है कि मेयर पद के लिए घोषित नौ प्रत्याशियों में से छह महिलाएं हैं, जिससे भाजपा ने ‘नारी शक्ति’ के एजेंडे को भी मजबूती से आगे बढ़ाया है। हालांकि, टिकट वितरण में शुक्रवार को बड़ा ड्रामा देखने को मिला, जब पार्टी को अपनी पहली सूची महज 10 मिनट में वापस लेनी पड़ी और देर रात संशोधित सूची जारी करनी पड़ी।

गुरुग्राम में अंतिम समय में फेरबदल, संघ पृष्ठभूमि को मिली तवज्जो
गुरुग्राम की मेयर सीट पर भाजपा ने पहले महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया। कई नेताओं ने दिल्ली तक पैरवी कर डाली, जिसके बाद हाईकमान ने रात करीब साढ़े नौ बजे नई सूची जारी की और उषा प्रियदर्शी की जगह संघ पृष्ठभूमि से जुड़ी राजरानी मल्होत्रा को टिकट दे दिया गया। राजरानी के पति तिलकराज मल्होत्रा न सिर्फ लंबे समय से संघ से जुड़े रहे हैं, बल्कि भाजपा संगठन में भी मजबूत पकड़ रखते हैं।

करनाल में रेणु बाला को साधा, सोनीपत में राजीव जैन को संतोष
करनाल से भाजपा ने एक बार फिर रेणु बाला गुप्ता पर भरोसा जताया है। विधानसभा चुनाव के दौरान वह करनाल से टिकट मांग रही थीं, लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो नाराज हो गई थीं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें मनाया और अब मेयर पद का टिकट देकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई है।
इसी तरह, सोनीपत में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन को उम्मीदवार बनाया गया है। विधानसभा चुनाव में वह अपनी पत्नी और पूर्व मंत्री कविता जैन के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट न मिलने से असंतुष्ट थे। अब निकाय चुनाव में प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने उन्हें संतोष दे दिया है।
जातीय संतुलन का भी रखा ध्यान
भाजपा ने टिकट वितरण में जातीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश की है। गुरुग्राम और करनाल जैसे बड़े शहरों में पंजाबी समुदाय से उम्मीदवार चुने गए हैं, जबकि ब्राह्मण, ओबीसी, वैश्य और एससी वर्ग को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है। सूची के आधार पर जातीय गणित इस तरह है:
- पंजाबी समुदाय – 3 उम्मीदवार
- ब्राह्मण – 1 उम्मीदवार
- ओबीसी – 1 उम्मीदवार
- वैश्य – 2 उम्मीदवार
- एससी समुदाय – 2 उम्मीदवार
सूची जारी होते ही दावेदारों में मची हलचल
भाजपा की पहली सूची जारी होते ही जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, वे तुरंत दिल्ली तक अपनी पैरवी में जुट गए। कई नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेताओं तक फोन घुमा दिए, जबकि जिनके नाम पहली सूची में थे, उनके विरोधियों ने उन्हें हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। नतीजा यह हुआ कि पार्टी को पहली सूची इंटरनेट मीडिया से हटानी पड़ी और देर रात संशोधित सूची जारी करनी पड़ी।
मानेसर सीट अभी होल्ड पर, आगे और फेरबदल संभव
भाजपा ने मानेसर की सीट को अभी होल्ड पर रखा है, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि आगे भी कुछ फेरबदल संभव है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब भी समीकरणों को साधने में जुटा है, ताकि निकाय चुनाव में कोई असंतोष बाकी न रहे।