हरियाणा सरकार ने हाल ही में मृत शरीर सम्मान विधेयक (2023) को लागू करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य यह है कि लोग किसी के निधन के बाद उसके शव का रास्ता जाम न करें। नए विधेयक के अंतर्गत ऐसे कार्यों को रोकने के लिए कई प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।
सरकार के अनुसार इस विधेयक का उद्देश्य यह है कि जब कोई व्यक्ति या उसका सगा अपने जीवन की अंतिम सांस लेता है, तो उसके शव को सार्वजनिक स्थानों पर रखकर रोड जाम का कारण न बनने दिया जाए। इससे सामाजिक और यातायात समस्याओं को रोका जा सकता है और लोगों को बिना किसी तकलीफ के शोक अवसर मनाने का समर्थन मिल सकता है। हालांकि गृहमंत्री अनिल विज ने इस विधेयक के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई हैं।
उनका कहना है कि इस विधेयक के लागू होने से लोगों को अत्याधिक विवादों में पड़ सकता है और इससे उन्हें और अधिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके बाद होम डिपार्टमेंट ने इस मुद्दे को लेकर एक विशेषज्ञ समिति को गठित किया है, जिसका कार्य इस विधेयक को समीक्षा करना और सुनिश्चित करना कि यह समाज के हित में है या नहीं।
विधेयक के अंत में समाज को लाभ पहुंचे
इस समिति की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गृहमंत्री अनिल विज के आपत्तिओं का समाधान करना है और इस विधेयक के अंत में समाज को लाभ पहुंचे। समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निर्णय लेगी कि क्या इस विधेयक को लागू किया जाए या नहीं। इस तथ्य के साथ-साथ, यह भी महत्वपूर्ण है कि लोगों को शोक और दुख में सहारा देने के लिए समर्थन प्रदान किया जाए ताकि उन्हें अपने प्रियजनों की हानि के समय सही समर्थन मिल सके। विधेयक में सरकार को स्थानीय अथॉरिटीज के द्वारा ऐसे शवों का अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने का प्रस्ताव मौजूदा मसौदा विधेयक में पारित किया गया है।