हरियाणा में ई क्षतिपूर्ति पोर्टल को एक अक्टूबर से खोला जाएगा। जिस पर किसान अपनी कपास की फसल में हुए नुकसान का ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज करा सकेंगे। यह निर्देश कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कृषि एंव राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को कपास फसल के नुकसान का आंकलन करते हुए रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए, ताकि राजस्व विभाग द्वारा आंकलन रिपोर्ट के आधार पर फसल में हुए नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। वे बुधवार को राज्य में कपास फसल में हुए नुकसान के संबंध में कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
नुकसान की वित्तीय सहायता
कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने अधिकारियों को कपास में गुलाबी सूंडी के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर गांव में कपास फसल के लिए फसल कटाई प्रयोगों को दोगुना करते हुए 4 से 8 करने के भी निर्देश दिए, ताकि नुकसान का सटीक आंकलन किया जा सके। साथ ही प्रयोगों की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए, ताकि फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर कपास फसल में हुये नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके।
योजना के तहत बीमा नहीं हुआ
अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जीन्द, महेन्द्रगढ़ व गुरुग्राम में जिन किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा नहीं हुआ, उनके लिए राज्य सरकार द्वारा कलस्टर-2 हेतू हरियाणा फसल सुरक्षा योजना को कपास फसल के लिए शुरू किया गया है। इसके तहत किसान 30 सितम्बर 2023 तक कृषि विभाग की वेबसाइट पर अपनी कपास की फसल का पंजीकरण मामूली शुल्क अदा कर फसल को सुरक्षित कर सकते हैं।
फसल उत्पाद को सुगमता से बेच सकते है
साथ ही कृषि मंत्री ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल को भी 3 दिन तक तुरन्त प्रभाव से खोलने का निर्णय लिया गया है। जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसलों का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज नहीं किया है, वे किसान अपनी फसल का ब्यौरा पंजीकृत करवाकर फसल उत्पाद को सुगमता से बेच सकते हैं।