महिला पहलवानों के यौन शोषण केस में आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पेशी से छूट दी और उनकी ओर से वकील ने दलीलें रखीं। बृजभूषण सिंह के वकील ने कहा कि अगर अनजान शख्स किसी को गले लगता है तो यह समझ में आता है कि नीयत सही नहीं थी, लेकिन जहां पर एक खेल का इवेंट चल रहा हो और वहां खिलाड़ी एक-दूसरे को गले लगाते हैं, ऐसे में वहां नीयत पर सवाल नहीं उठाया जाता है। शिकायतकर्ता ने दिल्ली की दो घटनाओं का जिक्र किया है।
कोर्ट ने बृजभूषण के वकील से कहा कि जितना हमने चार्ज फ्रेम करने के लिए सुनवाई की है, उतने में तो आधा ट्रायल हो जाता है। साथ ही कहा कि आप अपने बचाव में ऐसी बातें कह रहे हैं, जो चार्ज फ्रेम करते समय नहीं की जाती हैं। इस पर बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता 6, 5, 4, 3 के मामले में इस अदालत के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। कोर्ट में अब अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
रिकार्ड-हलफनामे में 17 अक्टूबर किसी घटना का जिक्र नहीं
कोर्ट में बृजभूषण सिंह के वकील ने कहा कि 16 अक्टूबर 2017 को यौन उत्पीड़न की घटना हुई और 17 अक्टूबर को दोबारा डब्लयूएफआई यानी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुख्यालय आई। ओवर साइट कमेटी के सामने 17 अक्टूबर की किसी घटना का जिक्र नहीं किया गया और एफआईआर में भी इस घटना का जिक्र नहीं है। ओवर साइट के रिकॉर्ड में और ओवर साइट में दाखिल हलफनामे में 17 अक्टूबर की किसी घटना का जिक्र नहीं है। 17 अक्टूबर की घटना का जिक्र उसके बाद लगाया गया।
संघ के मुख्यालय में उत्पीड़न करने का लगाया आरोप
बृजभूषण के वकील ने कहा कि ट्वीट के आधार पर ओवर साइट कमेटी बनाई गई थी। 6 शिकायतकर्ताओं में से सिर्फ 2 ने कमेटी के सामने लिखित हलफनामा दाखिल किया था। एक शिकायतकर्ता ने बृजभूषण पर दिल्ली में कुश्ती संघ के मुख्यालय में उत्पीड़न करने का आरोप लगाया, जिसमें शिकायतकर्ता ने घटना की तारीख बार बार बदली। एक शिकायतकर्ता ने अपने हलफनामे में 15 अक्टूबर 2017 वाले अपने बयान में सिर्फ अक्टूबर का महीना बताया और एफआईआर में तारीख 16 अक्टूबर 2017 बताई गई।
अदालत को सभी तथ्यों को देखना चाहिए
बृजभूषण के वकील ने कहा कि 16 अक्टूबर 2017 को बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली में ही मौजूद नहीं थे। शिकायतकर्ता ने एफआईआर में आरोप लगा दिया, लेकिन चार्ज फ्रेम करते समय अदालत को सभी तथ्यों को देखना चाहिए। शिकायतकर्ताओं के सभी आरोप या तो दिल्ली के बाहर के हैं या देश के ही बाहर के हैं, ऐसे में जिस जगह का क्षेत्राधिकार बनाता है, वहां पर शिकायत की जानी चाहिए। इससे पहले 3 दिन पहले सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की थी।
पहलवानों ने पहले कोई आरोप नहीं लगाया
बृजभूषण के वकील ने कहा था कि केंद्रीय खेल मंत्रालय की बनाई ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी। वह भी इस चार्जशीट का हिस्सा है। पहलवानों ने पहले कोई आरोप नहीं लगाया। पहलवानों की खेल मंत्री से मुलाकात हुई, उसके बाद ओवरसाइट कमेटी बनी। बृजभूषण के वकीलों ने कहा कि इस मामले में कॉस्मेटिक तरीके से शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें सेक्शुअल हैरेसमेंट की जगह छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए थे।