हरियाणा में जल्द ही अब तेंदुए (लेपर्ड) के दर्शन हो सकेंगे। जिसके लिए राज्य में अरावली वन खंड में 15 किलोमीटर लंबा लेपर्ड कन्जरवेशन कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है। झालाना तेंदुआ अभयारण्य (राजस्थान) की तरह अरावली कायाकल्प बोर्ड, अरावली के स्थायी संरक्षण के लिए यह योजना बना रहा है। इसके लिए रूट प्लान बन चुका है। बंधवारी कचरा प्रबंधन संयंत्र से दमदमा झील तक इस रूट को विकसित किया जाएगा। इस रूट पर झालाना लेपर्ड सफारी पार्क की तर्ज पर आम लोगों के लिए जिप्सी सफारी भी शुरू की जाएगी।
जानकारी के अनुसार अरवाली पहाड़ी खंड में वर्तमान में अभी लगभग 50 तेंदुए हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में हाल ही में किए गए एक वन्य जीव सर्वेक्षण में 6 तरीके की और भी वाइल्ड स्पीशीज मिली हैं। अरावली के गुरुग्राम क्षेत्र में धारीदार लकड़बग्घे, तेंदुए, काले-नैप्ड खरगोश, भारतीय कलगीदार साही, छोटे भारतीय नेवले और सुनहरे सियार की स्वस्थ आबादी पाई गई है। जिसके बाद यहां कॉरिडोर की और भी संभावनाएं बढ़ गई हैं। बंधवारी कचरा प्रबंधन संयंत्र से दमदमा झील तक 15 किलोमीटर लंबा वाइल्ड रोड रूट विकसित किया जाएगा।
स्वदेशी प्रजातियों का किया जाएगा रोपण
बंधवारी कचरा प्रबंधन संयंत्र से दमदमा झील तक 15 किलोमीटर लंबा वाइल्ड रोड रूट विकसित किया जाएगा। वाटरहोल का विकास, वाटरहोल में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सौर पंपों को भी लगाया जाएगा। घास के मैदानों का विकास और काबुली कीकर (प्रोकोपिस जूलीफ्लोरा) की झाड़ियों को हटाने के बाद स्वदेशी प्रजातियों का रोपण किया जाएगा।
जीएमडीए बोर्ड करेगा मदद
जीएमडीए ने इस उद्देश्य के लिए बंधवारी कचरा प्रबंधन संयंत्र के खिलाफ गुरुग्राम एमसी द्वारा जमा की गई धनराशि की भी पेशकश की है। यह भी सुझाव दिया गया कि क्षेत्र की स्टडी करने के लिए एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ संगठन को काम पर रखा जाना चाहिए और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। जीएमडीए बोर्ड को इसके लिए धन जुटाने में भी मदद करेगा और जल्द ही वन और अन्य अधिकारियों के लिए एक एक्सपोजर टूर की योजना बनाएगा।