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Ex Criketer वीरेंद्र सहवाग के भाई सहित 3 पर मामला दर्ज, चेक बाउंस से जुड़ा मामला

पंचकुला बड़ी ख़बर हरियाणा

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ चंडीगढ़ के मनीमाजरा थाना में पुलिस ने आईपीसी की धारा 174-ए (1974 के अधिनियम 2) धारा 82 के तहत मामला दर्ज होने का मामला सामने आया है। मामला चेक बाउंस से जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़ की जिला अदालत तीनों को इस मामले में भगोड़ा घोषित कर चुकी है। वहीं केस दर्ज करने में आनाकानी करने वाले एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

बता दें कि रोहतक में गांव बहादुरगढ़ के पास जाल्टा फूड एंड बिवरेजिस फैक्टरी है। यहां प्लास्टिक की बोतलों में जलजीरा, कोल्ड ड्रिंक्स भरने का काम किया जाता है। फैक्टरी में पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग, हैवेंट सुधीर मल्होत्रा और विष्णु मित्तल पार्टनर हैं। यह फैक्टरी बद्दी स्थित नैना प्लास्टिक फैक्टरी से बोतल खरीदती थी। आरोपी कंपनी जाल्टा फूड ने शिकायतकर्ता नैना प्लास्टिक के मालिक को चेक दिया, लेकिन जब उन्होंने उस चेक को बैंक में लगाया तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अदालत में आरोपी कंपनी के संचालकों के खिलाफ चेक बाउंस का केस दायर किया। इस पर अदालत आरोपियों को भगोड़ा करार दे चुकी है। 

अदालत में शिकायत की थी दर्ज

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पंचकूला के सेक्टर 12 के रहने वाले कृष्ण मोहन ने निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (एनआई) अधिनियम की धारा 138 के तहत अदालत में शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी उसकी बद्दी स्थित नैना प्लास्टिक फैक्टरी से प्लास्टिक की बोतल खरीदते थे। इसके चलते आरोपियों की कंपनी और उनके बीच पैसों का लेनदेन होता था। आरोपियों की कंपनी जाल्टा फैक्टरी ने उनकी नैना प्लास्टिक को पैसे का भुगतान चेक से किया। मगर जब चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित बैंक में चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद नैना प्लास्टिक के मालिक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

जुलाई 2022 में भगोड़ा कर दिया गया घोषित

सुनवाई के दौरान आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए। इसके बाद जुलाई 2022 में उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ मनीमाजरा पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। वहीं नैना प्लास्टिक के मालिक ने हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद पुलिस को हाईकोर्ट में जवाब देना है। इस बीच सीनियर अफसरों ने आठ दिन पहले मनीमाजरा थाना प्रभारी को तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा- 174-ए के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद चंडीगढ़ की एसएसपी ने मनीमाजरा के थाना प्रभारी नीरज सरना को लाइन हाजिर कर दिया। बाद में मनीमाजरा पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।