हरियाणा के रोहतक में नवीन जयहिंद ने एसवाईएल नहर के मुद्दे को लेकर राजनेताओं पर को खरी खरी सुनाई है। सोशल मीडिया पर लाइव आकर नवीन जयहिंद ने सवाल किया कि राजनेता एसवाईएल के पानी पर बोलने से क्यों डर रहे हैं। जब पंजाब में उनकी पार्टियां पंजाब के हक में बोल सकती हैं तो हरियाणा के राजनेता प्रदेश के हक में क्यों नहीं बोल सकते।
नवीन जयहिंद ने कहा कि 1 नवंबर को हरियाणा दिवस पर एसवाईएल के पानी को लेकर धर्मयुद्ध शुरू किया जा रहा है। 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तारिख है, जिसमें केंद्र व प्रदेश सरकारों को नोटिस दिया गया है और स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। हरियाणा में कई गद्दार भी हैं। अभी तक सभी पार्टियों ने एसवाईएल के मुद्दे पर केवल राजनीति की है। पंजाब की जनता चाहती है कि हरियाणा को हक का पानी मिले। लेकिन राजनीतिक पार्टियां नहीं चाहती कि एसवाईएल का पानी मिले
यह केवल न्याय व हक की लड़ाई
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश कर दिया कि एसवाईएल नहर को बनाए। अगर पंजाब सरकार अगर एसवाईएल नहर का निर्माण नहीं करती है तो केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होगी। अगर केंद्र सरकार भी नहीं मानती है तो सुप्रीम कोर्ट को कुछ सख्त कदम उठाना पड़ेगा।
जयहिंद ने कहा कि यह अब राजनीतिक लड़ाई ना रहकर न्याय व हक की लड़ाई हो गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट से बड़ा देश में न्याय का मंदिर कोई नहीं है। अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही लागू नहीं होता तो आम आदमी की कौन सुनेगा।
राजनेता कर रहे दोगली राजनीति
नवीन जयहिंद ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी हरियाणा को एसवाईएल का पानी नहीं मिलता है तो यह बहुत बड़ी बात है। राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के पंजाब में अलग व हरियाणा में अलग बयान हैं। वे दोगली राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई एक नहीं तीन मुख्यमंत्रियों (दिल्ली, हरियाणा व पंजाब के सीएम) से है। सभी उनके फोन को टेप करवा रहे हैं और लोकेशन को ट्रेस किया जा रहा है।
60% लोग अशुद्ध पानी पीने को मजबूर
जयहिंद ने कहा कि हरियाणा की 60 प्रतिशत जनसंख्या अशुद्ध पानी पी रही है। जिसके कारण लोगों में अनेक प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही हैं। वहीं प्रदेश में 10 लाख एकड़ जमीन बंजर पानी की कमी के कारण हो रखी है। वहीं करीब 40 लाख टन अनाज की पैदावार नहीं हो पा रही। अब सुप्रीम कोर्ट के सामने एसवाईएल की लड़ाई लड़ी जाएगी। जब पंजाब से पानी पाकिस्तान होते हुए समुद्र में चला जाता है तो हरियाणा को क्यों नहीं मिल सकता। हरियाणा पाकिस्तान से तो बुरा नहीं हैं।