सोनीपत के अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल युक्त जहरीले अवशेष में प्रतिदिन आग लगाई जा रही है जिसके कारण सोनीपत में वायु गुणवत्ता खराब हो रही है और जिसका असर लगातार देखने को मिल रहा है। हालांकि सबसे ज्यादा असर सुबह-शाम देखने को मिलता है। सोनीपत में अभी भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 245 पर जा पहुंचा है। प्रशासन जहां किसानों पर लगातार जुर्माना और केस दर्ज कर रहा है तो इंडस्ट्री एरिया में इस प्रकार की कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं देखी गई है। जबकि प्रतिदिन वहां पर आगजनी के मामले सामने आ रहे हैं। जो किसानों की पराली जलाने से भी ज्यादा खतरनाक है।
दिल्ली से सटे हुए सोनीपत के अलग अलग औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल और जहरीले अवशेष में आग लगने से फैक्ट्री मालिक बाज नहीं आ रहे हैं। कई हजार क्विंटल वेस्टीज अवशेष में आग लगा दी जाती है। प्रशासन की नाक के नीचे प्रतिदिन आगजनी हो रही है और कोई भी नियंत्रण नहीं हो रहा है। एक तरफ जहां किसानों पर लगातार प्रशासन कार्रवाई कर रहा है तो वहीं इंडस्ट्री एरिया में फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई सामने नहीं आई है। इसका सीधा असर अब पर्यावरण पर देखा जा रहा है।
प्रातः काल में सैर करने वाले लोगों के लिए सांस लेने में तकलीफ
जैसे ही अब मौसम तब दिल्ली हो रही है वैसे ही आसमान में प्रदूषण की गहरी चादर बनी हुई है। सुबह के वक्त सबसे ज्यादा प्रदूषण देखा जा रहा है। फैक्ट्री मालिक चोरी चुपके अवशेषों में आग लगा देते हैं। हालत यह है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। जहां बात करें तो इंडस्ट्री एरिया के आसपास लोगों को सबसे ज्यादा सांस में अस्थमा जैसे रोगों की बीमारी है। यह आने वाले कल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से कहीं ना कहीं कार्रवाई के नाम पर बेस्ट नजर आ रहे हैं। बार-बार इस प्रकार के मामले सामने आने के बावजूद भी इंडस्ट्री एरिया में कोई विशेष रूप से कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रेप लागू होने के बावजूद भी हो रही नियमों की अवहेलना
वही सोनीपत के एसडीएम ने कहा है कि ग्रेप लागू किया गया है और ऐसे में लगातार प्रशासन भी मीटिंग कर रहा है। और इस प्रकार से कोई भी व्यक्ति अवशेष में आग लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश हैं। लेकिन कहीं ना कहीं जिला प्रशासन मीटिंग पर मीटिंग तो कर रहा है लेकिन इंडस्ट्री एरिया में जिस प्रकार से खुलेआम अवशेषों में आग लग रही है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कागजी रणनीति बनाई जाती है। धताल पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। देखना होगा कि इस प्रकार से आगजनी की घटनाओं पर किस प्रकार से प्रशासन औद्योगिक क्षेत्र में नियंत्रण लगा पता है। एक गंभीर विषय है जो आमजन से जुड़ा हुआ है और जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता जा रहा है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स से 245 पर पहुंचा
सोनीपत में पिछले दिनों देश का सबसे ज्यादा एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब पाया गया था। लेकिन ज्यादा सुधार अभी भी नहीं हुआ है अभी भी सोनीपत का एयर क्वालिटी इंडेक्स से 245 पर पहुंचा हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स से को सुधार करने के लिए दावे जरूर किए जाते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि फसल अवशेष को लेकर तो कार्रवाई हो रही है। लेकिन औद्योगिक के क्षेत्र में प्रतिदिन जहरीले केमिकल अवशेषों में आग लगाई जा रही है। जिसका प्रभाव अब दिखाई देना शुरू हो गया है।