हरियाणा में MBBS परीक्षा घोटाले का पर्दाफाश होते ही हड़कंप मच गया है। पुलिस ने पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक (UHSR) से 24 एमबीबीएस छात्रों और 17 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने विश्वविद्यालय से इन छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड भी तलब किए हैं, ताकि परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की पुष्टि की जा सके।
जांच के दौरान यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों रोशन लाल और रोहित ने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब आरोपी छात्रों से पूछताछ शुरू करने की तैयारी में है।
कर्मचारियों पर गिरी गाज, कई सस्पेंड
यूएचएसआर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 8 नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और 9 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस घोटाले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले की हाई कोर्ट जज से न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
कुमारी शैलजा का आरोप
“यह घोटाला एक बड़े संगठित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिसमें पैसों के दम पर फर्जी डॉक्टर तैयार किए गए। यह चिकित्सा प्रणाली की अखंडता को कमजोर करता है और जनता की जान को जोखिम में डालता है। सरकार को एक श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि अब तक कितने ऐसे फर्जी डॉक्टर बनाए गए हैं।”
सुरजेवाला ने व्यापम घोटाले से जोड़ा मामला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले की तुलना मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से की। उन्होंने कहा, “यह कोई अलग घटना नहीं है, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। अगर इसकी गहराई से जांच हो तो इसमें कई हाई-प्रोफाइल लोग भी फंस सकते हैं।”