सोनीपत में नेशनल हाईवे-44 पर गांव कुमासपुर के पास वीरवार शाम करीब साढ़े पांच बजे कुख्यात बदमाश दीपक गुहणा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमले में उसका साथी भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
कैसे हुआ हमला?
दीपक गुहणा अपने साथी मंदीप और एक अन्य व्यक्ति के साथ वीर सिंह ढाबे के बाहर कार में बैठा था। तभी अचानक आई-20 कार में सवार चार-पांच हमलावर वहां पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। दीपक को आठ गोलियां लगीं, जबकि मंदीप के गले के पास दो गोलियां लगीं। हमलावर वारदात के बाद फरार हो गए।

परिचित की कार में था दीपक
बताया जा रहा है कि दीपक तीस हजारी कोर्ट में पेशी भुगतकर निकला था और उसका भाई का एक दोस्त उसे दिल्ली के प्रीतमपुरा से कार में बैठाकर लाया था। वारदात के बाद कार सवार दीपक के भाई का दोस्त घायल दीपक और मंदीप को लेकर अस्पताल पहुंचा और पुलिस को सूचना दी।
गैंगवार की साजिश या पुरानी रंजिश?
दीपक हत्या, हत्या के षड्यंत्र और लूट समेत करीब 15-16 मामलों में नामजद था। उसे सोनीपत में एक प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी थी। साथ ही, कुख्यात संदीप बड़वासनी हत्याकांड में षड्यंत्र रचने में भी उसका नाम आया था।

सूत्रों के मुताबिक, पानीपत के कुख्यात राकेश उर्फ पंपू से उसकी पुरानी दुश्मनी थी, जिससे गैंगवार की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है और परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
चर्चा यह भी है कि वारदात के दौरान दीपक गुहणा के साथियों ने भी फायरिंग की, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस को भी इस दावे से जुड़े कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। मामले की गहन जांच जारी है।