हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल दो दिवसीय हिसार दौरे पर थे। इस दौरान आज वे हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में पहुंचे जहां उन्होंने वैश्विक खाद्य-पोषण सुरक्षा, स्थिरता और स्वास्थय के लिए रणनिति का शुभारंभ किया। जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, कजाखस्तान, जापान, मिस्त्र, फ्रांस, जर्मनी, ट्यूनीशिया, ब्राजील, मोरक्को सहित 15 देशों के 900 वैज्ञानिक व शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कृषि महाविद्यालय परिसर में कृषि क्षेत्र में उद्यमिता से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने 5 देशों की प्रसिद्ध शोध संस्थाओं से आए प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की है। यहां के कृषि उत्पाद का निर्यात दुनिया के कई देशों में हो रहा हैं। अब उत्पादन के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दुनिया के कई देशों के साथ राज्य सरकार द्वारा काम किया जा रहा है।
कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ हो रहा है उत्पादन
मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि हरियाणा प्रदेश ने इस क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की है। कृषि क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही नई चुनौतियां भी खड़ी हो गई है। अधिक खाद एवं दवाइयों के प्रयोग से फसल उत्पादक गुणवत्ता का स्तर गिर रहा है, जिससे मानव को अनेक बीमारियां अपनी गिरफ्त में ले रही है। यही नहीं पानी तथा पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की है अहम भूमिका
इन तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए अब चिंतन करना बहुत आवश्यक हो गया है। इसमें वैज्ञानिकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण बन जाती है। उन्होंने विश्वास जताया कि हमारे वैज्ञानिक इन समस्याओं व चुनौतियों से पार पाकर आने वाली पीढियों को सुखद जीवन देने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ देश के किसानों का भावनात्मक रिश्ता है। देश को अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही है।
इन विषयों पर होगी सम्मेलन में चर्चा
एचएयू के कुलपति प्रो बीआर कंबोज ने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में कृषि के जवलंत मुद्दे भूमि को बचाने, खादय प्रयोग को सुरक्षित करने, पानी के बचाव सहित कई विषयो पर चर्चा की जाएगी। इसमें करीब 15 देशों के कृषि वैज्ञानिक भाग ले रहे है। किसान फसल अवशेष को जलाते है लेकिन किसान भाई फसल अवशेष को अगर इक्कठा करें तो उससे किसानों को पैसा भी मिल सकता है। इस विषय पर कई योजना केंद्र हरियाणा में ला रहा है। फसल अवशेष के प्रयोग पर इस सम्मेलन में चर्चा की जाएगी।