हिसार में एडीजे अमित सहरावत की अदालत ने गांव डोभी में 26 जुलाई 2019 की रात सुनीता और इसके 3 वर्षीय बेटे निखिल की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या करने के दोषी सिपाही साहबराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं दोषी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
मृतका सुनीता गांव में ही एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका थी। सुनीता के चरित्र पर संदेह को लेकर साहबराम व इसके बड़े भाई सतबीर ने मिलकर मां-बेटे की हत्या कर दी थी। इसके बाद से सतबीर फरार चल रहा है। मामले में सदर थाना पुलिस ने सुनीता के पति सिपाही साहबराम, जेठ सतबीर सिंह, ननद विनोद और ननदोई के खिलाफ हत्या और आपराधिक षड़यंत्र रचने के खिलाफ 25 जुलाई 2019 को हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार सदर थाना पुलिस में दिए गए बयान में पनिहार चक निवासी अजय ने बताया था कि बहन सुनीता की शादी गांव डोभी निवासी साहबराम और ताऊ की बेटी मीनू की शादी सतबीर के साथ वर्ष 2013 में की गई थी। आरोप था कि साहबराम ने चरित्र पर शक के चलते अपनी पत्नी और बेटे की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए आरोपी साहबराम को काबू कर न्यायालय में पेश किया था। अब आरोप साबित होने के बाद दोषी को उम्रकैद की सजा देने के साथ उस पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।