हिसार में एडीजे अमित सहरावत की अदालत ने वर्ष 2018 में 15 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में सिंचाई विभाग के तत्तकालीन एक्सइएन के रीडर गांव पातन निवासी राकेश को दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई है। राकेश ने एक महिला से नहरी पानी के विवाद का फैसला उसके हक में करवाने के लिए 15 हजार की रिश्वत की मांग की थी। मामले में 27 फरवरी 2018 को गांव पाबड़ा की रहने वाली सुनीता ने आरोपित राकेश द्वारा रिश्वत मांगने पर स्टेट विजिलेंस को शिकायत दी थी।
जिसके बाद विजिलेंस टीम ने आरोपित राकेश को 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। सुनीता ने विजिलेंस को दी शिकायत में बताया था कि उसके ससुर कि नाम पर गांव पाबड़ा मे पौने दो किले जमीन है। उसके ससुर व पति की मौत हो चुकी है। अब इस जमीन पर वह अपने परिवार के साथ मिलकर खेती करती है। उसके खेतों के बीच नहर पानी का एक खाला बना हुआ है, लेकिन इसे खेत पड़ोसी होशियार सिंह ने करीब एक एकड़ तक बंद कर दिया था। इस बारे उसने सिंचाई विभाग के एसडीओ को शिकायत की, यह उसके हक में रही।
एक्सईएन के रीडर ने मांगी 15 हजार की रिश्वत
इसके बाद होशियार ने सीनियर अधिकारी को शिकायत दी तो वहां भी फैसला उसके हक में रहा। तब होशियार सिंह ने एसई को अपील लगाई। इस अपील का फैसला उसके हक में करवाने के एक्सइएन के रीडर राकेश ने 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। सुनीता ने राकेश द्वारा रिश्वत मांगने पर इस बात की शिकायत विजिलेंस टीम को दी। जिसके बाद विजिलेंट टीम ने रेडिंग पार्टी तैयार कर राकेश को 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।