हरियाणा के जिला रेवाड़ी में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी में बेटों की तरह सभी रस्में निभाईं। इसी के चलते बीती रात लड़की को घोड़ी पर बैठाकर घुड़चढ़ी निकाली गई। इस दौरान रिश्तेदार और आसपास की महिलाएं घोड़ी पर बैठी दुल्हन के आगे-आगे ढोल की थाप पर नृत्य करती दिखाई दीं। लड़की को घोड़ी पर बैठा देख आसपास के लोगों ने पिता और उसके परिवार की सराहना की।
बता दें कि शहर की सुभाष बस्ती निवासी धर्मपाल सारवान ने अपनी बड़ी बेटी ज्योति के विवाह से एक दिन पहले उसकी घुड़चढ़ी निकालकर बेटियों के प्रति समाज को जागरूक करने का काम किया है। उनका कहना है कि आज बेटियां बेटों के समान कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। हमें मिलकर ही समाज से बेटी और बेटों के बीच फर्क को मिटाना होगा। जब तक हम यह प्रयास नहीं करेंगे, तब तक बेटियों को आगे नहीं लाया जा सकता। धर्मपाल की इस सोच की समाज के लोगों ने काफी सराहना की।
वहीं ज्योति की मां नीलम का कहना है कि सोमवार को दिल्ली के नजफगढ़ से रेवाड़ी के सुभाष बस्ती में जाएगी। उनका भी यही मानना है कि आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों के समान समाज को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रही हैं। हमें बेटियों के विचारों को जानकर उन्हें बढ़ने देना चाहिए। बेटियों को भी बेटों की तरह समाज में बराबर का मान सम्मान मिलना चाहिए।
घुड़चढ़ी के दौरान धर्मपाल के रिश्तेदारों और आस पड़ोस में रहने वाले लोगों ने खुशी जताते हुए खूब नृत्य किया। वहीं दुल्हन बनने जा रही ज्योति ने कहा कि उनकी स्नातक की डिग्री पूरी हो चुकी है। वह शिक्षक बनकर समाज को यह संदेश देना चाहती हैं कि आज बेटियां भी बेटों से कम नहीं होती, उनकी इस बात को पिता धर्मपाल ने साबित भी कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज बेटियों ने नौकरी से लेकर व्यापार, राजनीति, सेना हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। बेटा-बेटी के बीच बनी भेदभाव की दीवार धीरे-धीरे समाप्त होने लगी है। उन्हें अपने माता-पिता पर गर्व है। उन्होंने बेटियों के प्रति भेदभाव को खत्म करने के लिए ही घुड़चढ़ी निकाली।