Haryana में प्रदूषण का स्तर कई दिनों से खतरनाक स्थिति में बना हुआ है, खासकर एनसीआर के इलाकों में। प्रदूषण के कारण सुबह और शाम को गहरी धुंध छाई रहती है, जिससे लोगों को गले, आंखों और फेफड़ों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सरकार द्वारा उठाए गए कदम स्थिति सुधारने में नाकाफी साबित हो रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 400 से भी अधिक हो गया है, लेकिन अभी तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के लेवल 3 की पाबंदियां नहीं लगाई गई हैं। पिछली बार 23 दिसंबर को ग्रैप 3 के नियम लागू किए गए थे, पर इस बार स्थिति पहले से भी अधिक गंभीर हो चुकी है।
पराली जलाने के मामलों में कमी
हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में मामूली कमी आई है, लेकिन किसान अब भी पराली जला रहे हैं। पिछले दिनों में पराली जलाने के 9 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें प्रशासन द्वारा जुर्माना लगाया गया है। बहादुरगढ़ में PM 10 और PM 2.5 का स्तर 500 तक पहुंच गया है, जबकि बल्लभगढ़ में PM 10 का स्तर 422 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और भिवानी में AQI 402 पर है। 15 सितंबर से 7 अक्टूबर तक हरियाणा में पराली जलाने के चलते 384 किसानों पर जुर्माना लगाकर 9,28,700 रुपए वसूले गए हैं।
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने अब तक 897 पराली जलाने के मामलों में 314 एफआईआर दर्ज की हैं। इस दौरान कृषि विभाग के 26 अफसरों को निलंबित कर 396 अन्य अफसरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं।
10 नवंबर से उत्तरी हवाओं के चलने की संभावना
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, 10 नवंबर से राज्य में उत्तरी हवाएं चलने की संभावना है, जिससे तापमान में हल्की गिरावट आ सकती है। 11 और 12 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हल्के बादल छा सकते हैं, जिससे रात का तापमान बढ़ने की संभावना है।