दिल्ली के बवाना निवासी इंस्पेक्टर वेदप्रकाश सहरावत के बड़े भाई 70 वर्षीय रणधीर सिंह का गत 20 सितंबर को अचानक ह्रदयगति रूकने से निधन हो गया। उनकी मृत्यु से जहां उनके परिवार में शोक की लहर है, वहीं समाज में भी उनके अच्छे कार्यों के चलते उन्हें याद किया जा रहा है। रणधीर सिंह के निधन पर देश के 8 राज्यों की सहरावत खाप की ओर से समाजसेवी और नंबरदार प्रवीण सहरावत ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि रणधीर सिंह के निधन के बाद परिवार में उनकी पूर्ति कर पाना असंभव है। वह भगवान से कामना करते हैं कि परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
नंबरदार प्रवीण सहरावत ने बताया कि रणधीर सिंह दिल्ली में नगर निगम कार्यालय में कार्यरत थे। करीब 10 साल पहले नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद वह समाजसेवा में जुट गए थे। रणधीर सिंह समाजसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। गोमाता की सेवा करना उनका मुख्य ध्येय था। रणधीर सिंह हमेशा दूसरों को भी गोमाता की सेवा और समाजसेवा के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने युवाओं को हमेशा सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देकर उन्हें प्रोत्साहित किया। नौकरी के दौरान भी रणधीर सिंह ने अपने कर्तव्य को निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया। जिसके चलते उन्हें दिल्ली में ही कर्मचारी यूनियन के प्रधान पद पर चुना गया था। तब से कर्मचारी वर्ग उन्हें रणधीर सिंह प्रधान के नाम से जानने लगा।
प्रवीण सहरावत ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने सामाजिक कार्यों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई और समाज सुधारक के रूप में कार्य किए। रणधीर सिंह प्रधान एक मिलनसार व्यक्ति थे। समाज में उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। उनके परिवार में दो बेटे और पत्नी है।