Kaithal जिले में हुए सफाई अभियान(sanitation system) में 10 करोड़ रुपए के घोटाले(10 crore scam) का मामला सामने आया है। इस घोटाले में जिला परिषद के अधिकारियों और ठेकेदारों को शामिल माना जा रहा है। अंतर विभागीय भ्रष्टाचार ब्यूरो (एसीबी) ने सात आरोपियों को पकड़ा है, लेकिन मास्टरमाइंड(Mastermind) अभी भी फरार हैं। एसीबी(ACB) की टीमें फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
बता दें कि मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों में पंचायती राज के अधिकारी और ठेकेदार शामिल हैं, उन्हें मुख्य अदालत में पेश किया गया है और उनको दो दिन के रिमांड(Remand) पर भेजा गया है, उनके खिलाफ जांच जारी है। इन आरोपियों में से कुछ ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने धन लिया है, और अब उनसे धन की वापसी का प्रयास किया जा रहा है। मामले में कुल 15 आरोपी हैं, जिनमें 9 ठेकेदार और 6 अधिकारी शामिल हैं। अभी भी 8 आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस काम कर रही है। बुधवार को अंतर विभागीय भ्रष्टाचार ब्यूरो के प्रभारी महेंद्र ने बताया कि सात आरोपियों ने अपने खाते में पैसे डाले हैं। उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेजा गया है।
यह घोटाला कैथल जिले में चल रहे सफाई अभियान से जुड़ा है। सफाई के लिए आए 10 करोड़ रुपए में से लगभग 30 प्रतिशत का काम किया गया था। इसके अलावा, अधिक धन का उपयोग किया जा रहा था, जो अब जांच के तहत सामने आ रहा है। घोटाले का मामला सामने आने के बाद जनता में आक्रोश और आलोचना है। लोग चाहते हैं कि सरकार कठोर कार्रवाई करे और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कानून लाए।
सरकार को कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता
घोटाले की जांच में अंतर विभागीय भ्रष्टाचार ब्यूरो ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह एक सकारात्मक चरण है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हमें आगे बढ़ाने में मदद करेगा। स्वच्छता अभियान के तहत किए गए घोटाले का पता चलने के बाद, सरकार को कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिए, उन्हें यह आश्वासन दिया जाना चाहिए कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचा नहीं रहेगा और सख्त कानून के तहत कार्रवाई होगी।