पंजाब और हरियाणा सरकार के बीच एसवाईएल मुद्दे पर वर्ष 2023 में तनातनी बनी रही, लेकिन अभी तक हरियाणा को उसके हक का पानी नहीं मिला है। केंद्र से लेकर प्रदेश स्तर तक हरियाणा-पंजाब सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन हर बैठक विफल साबित रही है। एसवाईएल मुद्दे पर अब हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बयान देकर फिर से सियासी शगुफा छोड़ दिया है।
चुनावों के नजदीक आते ही एसवाईएल का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। पंजाब और हरियाणा की तरफ से वार-पलटवार का दौर जारी है। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने भगवंत मान सरकार को एक बार फिर से नसीहत दी है। उनका कहना है कि पंजाब को बार-बार पानी के लिए बोलना बेहद निंदनीय है। भगवंत मान खुद को बड़ा मानने लग गए हैं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट भी हरियाणा के हित में फैसला ले चुका है, लेकिन पंजाब सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़ने को तैयार नहीं है। एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ना मानना भगवंत मान सरकार के लिए बहुत बड़ी गलती है।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जनता फिर देगी भाजपा को आर्शीवाद
कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के लिए हमेशा तैयार रहती है और पार्टी का हर कार्यकर्ता सक्रिय है। हम जनता की ईमानदारी से सेवा कर रहे हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा इसका एक उदाहरण है। निश्चित रूप से जनता हमें फिर से आशीर्वाद देगी।
चुनावी सरगर्मियों के बीच एक बार फिर बाहर आया एसवाईएल का जिन्न
कंवरपाल ने कहा कि एसवाईएल के ऐतिहासिक फैसले का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है, लेकिन यह भी जगजाहिर है कि एसवाईएल के मसले पर किसानों को आगे करके पंजाब- हरियाणा सरकार ने खूब राजनीति की है और वोट भी बटोरी हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चुनावी सरगर्मियों के बीच एक बार फिर से एसवाईएल का जिन्न बाहर आ गया है। अब देखना यह होगा कि एसवाईएल को लेकर हरियाणा सरकार कितनी संवेदनशील नजर आती है और क्या वह प्रदेश के किसानों को उनके हक का पानी दिला पाएगी।