हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करनाल में स्थित आवास पर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने घेराव किया। इस दौरान पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए और कुछ को हिरासत में ले लिया गया। इस घेराव का मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी के मुद्दे पर जागरूकता फैलाना था।
बता दें कि प्रदर्शन से पहले पार्टी के नेताओं ने स्थानीय बेरोजगार युवाओं को भी शामिल होने का आह्वान किया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री का आवास घेरने का मकसद उनके प्रदर्शन को रोकना था। इस घेराव के दौरान कई लोग घायल हो गए और पुलिस ने कुछ को हिरासत में ले लिया। आप नेता डॉ. सुशील गुप्ता, अनुराग ढांडा सहित कई नेताओं की चोट आई। अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर युवाओं के सवालों से इतना डरते हैं कि वे उनके सवालों का सामना करने की बजाय उनको पुलिस से धमकियां देते हैं। वह पुलिस के द्वारा किए जा रहे धमकानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हैं। आप नेताओं ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि जो नौकरियां हरियाणा में होनी चाहिए थी, वो कहां हैं? क्योंकि लगभग 2 लाख सरकारी नौकरियां खाली हैं। इसके अलावा उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों बार-बार पेपर लीक हो रहे हैं और इन नौकरियों को क्यों नहीं भरा जा रहा। इससे अधिकतर लोगों को समझने में मदद मिलेगी कि ये प्रदर्शन किस पर आधारित है। युवाओं की तरह हम भी चाहते हैं कि उन्हें उनके अधिकारों की सुरक्षा मिले और सरकार उनकी आवाज सुने।

अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे लोग
घेराव के दौरान विभिन्न तस्वीरें भी सामने आई, जिनमें दिखाया गया है कि कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाता है और उन्हें हिरासत में लिया जाता है। तस्वीरें दर्शाती हैं कि कैसे लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरते हैं और अपनी आवाज उठाते हैं। अनुराग ढांडा ने कहा कि अगर सीएम खट्टर को युवाओं के सवालों का जवाब देने से डर लगता है, तो फिर इस बार चुनाव में युवाओं से बचकर रहना, क्योंकि हरियाणा के युवा उनको सत्ता से हटाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। वह युवाओं को ये संदेश देते हैं कि वे अपने अधिकारों की रक्षा करें और सरकार से जवाब मांगें।

जल्दी से नौकरियों के सवालों का जवाब नहीं देती सरकार
प्रदर्शन के संबंध में कहा गया कि यदि सरकार जल्दी से नौकरियों के सवालों का जवाब नहीं देती, तो युवा अपनी आवाज बुलंद करेंगे और उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा। यह प्रदर्शन दिखाता है कि जनता अपने हक के लिए सड़कों पर उतर रही है और सरकार से अपनी मांगों को लेकर सजग रहने की मांग कर रही है। यह भी साबित करता है कि लोगों की आवाज से हुकूमत को सतर्क रहना चाहिए और उनकी मांगों का सम्मान करना चाहिए।
