Nirmala Sitharaman

जल्द ही MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम को कैबिनेट देगा मंजूरी: निर्मला सीतारमण

करनाल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कैबिनेट जल्द ही MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम को मंजूरी देगी। उन्होंने नेशनल MSMEs क्लस्टर आउटरीच प्रोग्राम के मौके पर कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में MSMEs (एमएसएमई) के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में जनरल मैनेजर सिडबी , एमएसएमई के  ADC, और  केनरा बैंक  उप महाप्रबंधक करनाल,पंजाब नैशनल बैंक के उप महाप्रबंधक एवं MCC HEAD और  लीड जिला प्रबंधक और करनाल इंडस्ट्री से जुड़े हुए इंडस्ट्रियलिस्ट इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए और सरकार की योजनाओं को सुना जो वित्त मंत्री, और कैबिनेट मंत्री , द्वार दी गई स्पीच जो बंगलौर से दी गई जो भारत की MSMEs की ग्रोथ के लिए दी गई ।

महिला सशक्तिकरण पर बोलीं वित्त मंत्री

महिला सशक्तिकरण पर एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पितृसत्ता एक ऐसा सिद्धांत है, जिसे वामपंथियों ने गढ़ा है। उन्होंने कहा अच्छे शब्दों के बहकावें में न आएं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अगर पितृसत्ता भारत में महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने से रोकती तो इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री कैसे बन सकती थीं।

सीतारमण बंगलूरू के सीएमएस बिजनेस स्कूल के छात्रों से बातचीत कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों और युवाओं के लिए उपलब्ध कराई गई योजनाओं पर चर्चा की। इसमें 21 से 24 आयु वर्ग के एक करोड़ बेरोजगार युवाओं के लिए इंटर्नशिप की पहल भी शामिल है।

नवाचार को बाजारों में मिले सही जगह

भारत में नवाचार के लिए अवसरों के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार नवाचार के लिए एक ऐसा माहौल तैयार कर रही है, जो उनकी मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि  हम नवाचार को सिर्फ नीतियों के जरिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी समर्थन दे रहे हैं कि इन नवाचारों को बाजार में सही जगह मिले।

जन धन योजना के जरिए आम लोगों के लिए पैदा किए अवसर

वित्त मंत्री ने डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में हो रहे बदलावों का भी जिक्र किया और कहा कि देश में जन धन योजना के जरिए आम लोगों के लिए अवसर पैदा किए गए हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने देश में डिजिटल नेटवर्क को फैलाने के लिए निवेश किया। जबकि कई अन्य देशों में यह काम निजी कंपनियों के जरिए हुआ। जिससे वहां कुछ शुल्क लगने लगे। लेकिन भारत में यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है।