Karnal से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में जो शुरू में पीड़ित और शिकायतकर्ता था , अब वही आरोपी भी है। दरअसल करनाल में पुराने बस स्टैंड के पास एक इमिग्रेशन सेंटर है, जहां पर रविवार के दिन कुछ बदमाश बाइक पर सवार होकर आते हैं और बाहर खड़ी गाड़ी पर 5 राउंड फायरिंग करके फरार हो जाते हैं, मौके पर सीआईए और पुलिस की टीमें पहुंचती हैं, उसके बाद उस इमिग्रेशन सेंटर के मालिक के पास एक धमकी भरा फोन आता है , जिसके बाद पुलिस गहनता से इस मामले की पूछताछ कर देती है।
इस मामले में इमिग्रेशन सेंटर के संचालक से जहां पुलिस पूछताछ कर रही थी, वहीं गोलियां चलाने वालों की तलाश भी शुरू कर दी गई थी। मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया और उसके बाद एसटीएफ मामले की परत दर परत खंगालती रही। इस मामले में जब गोली चलाने वाले एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई तो पता चला कि सब पहले से प्लान था। इस मामले में जो इमिग्रेशन सेंटर का संचालक है उसने सिक्योरिटी लेने के लिए वहीं अपना लाइसेंस बनवाने के लिए ये हमला करवाया था। उसने इस मामले में बदमाशों को शामली से हायर किया था, जिसके बदले उन्हें मोटी रकम देने की बात हुई थी।
संचालक के कहने पर करने आए फायरिंग
रविवार के दिन शामली से गाड़ी पर 5 लोग आते हैं , गाड़ी को पीछे ही खड़ी करते है और तीन बदमाश वहीं रुक जाते हैं, उन्हें बाइक मिलती है और बाइक पर सवार होकर दो बदमाश इमिग्रेशन सेंटर के बाहर आते हैं और 5 राउंड फायरिंग करके मौके से फरार हो जाते हैं , ये सब उन्होंने इमिग्रेशन सेंटर के संचालक के कहने पर किया था। पुलिस ने इस मामले में एक पिस्तौल बरामद कर ली है, जिससे फायरिंग हुई थी, वहीं फायरिंग करने की प्लानिंग और फायरिंग करने वाले तीन बदमाश एसटीएफ की गिरफ्त में हैं , वहीं इमिग्रेशन संचालक भी अब एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुका है।
दो आरोपी चल रहे फरार
वहीं इस मामले में अभी दो आरोपी फरार चल रहे हैं , जो गोली चलाने की प्लानिंग में शामिल थे। तीन आरोपी मंगलोरा के पास से गिरफ्तार हुए हैं, जिन्होंने गोली चलाई और प्लानिंग बनाई जो शामली के रहने वाले हैं जबकि इमिग्रेशन सेंटर का मालिक करनाल से ही गिरफ्तार हुआ है। देखना ये होगा इस मामले में बाकी आरोपी कब तक एसटीएफ गिरफ्तार कर पाती है, और जिस गाड़ी पर बदमाश शामली से करनाल आए वो गाड़ी और जिस बाइक पर आकर गोलियां चलाई वो बाइक कब तक बरामद कर पाती है।