इंसान चाहे तो वो किसी भी बुलंदियों को हासिल कर सकता है और किसी भी मुकाम तक पहुंच सकता है। ऐसा ही कुछ नारनौल की बेटी और राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बुहाना पंचायत समिति की ग्राम पंचायत लांबी अहीर की सरपंच नीरू यादव ने सोमवार की रात कौन बनेगा करोड़पति शो में 6 लाख 80 हजार रुपए जीतकर साबित कर दिया है।
हॉकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर नीरू यादव कौन बनेगा करोड़पति में बिग-बी अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर मौजूद थी। रात को पूरे जिले की नजरें अपनी बेटी का कौशल देखने के लिए टीवी पर लगी हुई थी। नीरू ने जीती रकम को महिला सशक्तिकरण व बालिकाओं की पढ़ाई-खेल के लिए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनके कार्यों की बदौलत ही उनको हॉट सीट मिली और अमिताभ बच्चन के सामने बैठी। केबीसी के 15वां सीजन में नारनौल से हॉट शीट पर पहुंचने वाली वे पहली बेटी हैं। हालांकि इससे पूर्व बिजली निगम के जेई नारनौल निवासी प्रदीप सोनी हॉट सीट पर पहुंच चुके हैं।
हॉकी व बर्तन बैंक कार्य की अमिताभ बच्चन ने की खूब सराहना
केबीसी में पहुंचने वाली सरपंच की बात करें तो संभवत देश की पहली महिला सरपंच हैं। उनको स्पेशल गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया गया था। रात 9 बजे टीवी धारावाहिक ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में नीरू यादव राजपूती ड्रेस में अमिताभ बच्चन के सामने बैठी। अमिताभ बच्चन ने नीरू यादव के हॉकी व बर्तन बैंक के कार्य की खूब सराहना की।
लांबी अहीर ग्राम पंचायत की बनी सरपंच
नारनौल में पली बढ़ी नीरू यादव 2020 में प्रदेश के साथ लगते हुए लांबी अहीर ग्राम पंचायत की सरपंच बनी। सरपंच बनने के बाद उन्होंने अपने गांव की तस्वीर बदलने का काम किया। उन्होंने ग्राम पंचायत में लड़कियों की हॉकी टीम तैयार की। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी सैलरी से बच्चियों के लिए एक कोच भी रखा। नीरू का काम सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुआ, वह लड़कियों के ट्रेनिंग का ख्याल भी रखती हैं, सुबह उन्हें उठाकर ग्राउंड तक लाती हैं।
नीरू ने गांव दशा-दिशा बदलने का किया प्रयास
नीरू यादव ने अपने कार्यो से गांव की दशा व दिशा बदलने का प्रयास किया। उन्होंने अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देकर 6 लाख 80 हजार रुपए की राशि जीती है। नीरू ने शो में बार बार हरियाणा का जिक्र किया। सरपंच नीरू यादव का पीहर हरियाणा के नारनौल है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में खेल को ज्यादा महत्व दिया जाता है। नीरू यादव मीडिया के ज्यादातर सवालों में अपने पीहर का अक्सर जिक्र करती रहती है। वह हॉकी टीम में खिलाड़ियों को तैयार करने में स्वयं भी ज्यादातर समय उनके साथ व्यतीत करती है। इसी की बदौलत आज उनको हॉकी वाली सरपंच के नाम की प्रसिद्धि मिली है।