हरियाणा सरकार ने प्रदेश में वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत करीब 15 हजार क्लर्कों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार की ओर से स्ट्राइक के दौरान लागू किए गए नो वर्क-नो पे के फैसले को वापस ले लिया गया है। क्लर्कों के हड़ताल के समय को लीव ऑफ काइंड ड्यू (देह प्रकार की छुट्टी) के तौर पर माना जाएगा। साथ ही सरकार की ओर क्लर्कों को एक और राहत दी गई है। सरकार ने निर्णय लिया है कि क्लर्कों की हड़ताल के समय को सर्विस ब्रेक नहीं माना जाएगा।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने क्लर्कों की हड़ताल के समय की सैलरी जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं। क्लर्कों की तरफ से 5 जुलाई को ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेशभर में हड़ताल का ऐलान किया गया था। जिसके बाद सरकार ने हड़ताली क्लर्कों के लिए 27 जुलाई को नो वर्क नो पे के आदेश जारी किए थे। जिसे हरियाणा सरकार ने की तरफ से वापस ले लिया गया है। क्लर्कों की हाल ही में हुई सरकार के साथ बैठक के बाद हड़ताल खत्म हो गई थी और विभिन्न विभागों के क्लर्क अपने काम पर लौट गए थे, लेकिन क्लर्क वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर अडिग हैं।
5वीं बैठक से पहले लगा दिया था एस्मा, मुख्य सचिव ने किए थे आदेश
हड़ताल पर चले रहे प्रदेशभर के क्लर्कों को मनाने के लिए अब तक 5 दौर की बैठक हो चुकी है। इससे पहले सरकार ने 5वीं बैठक से पहले एस्मा (हरियाणा आवश्यक सेवा-अनुरक्षण अधिनियम) लगा दिया था। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शनिवार को हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
वेतनमान बढ़वाने के लिए 5 जुलाई से हक की लड़ाई लड़ रहे थे क्लर्क
प्रदेशभर के विभिन्न विभागों के क्लर्क वेतनमान बढ़वाने की मांग को लेकर 5 जुलाई से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे। क्लर्कों ने 5 जुलाई को ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। इसके बाद सरकार की ओर से मुख्य सचिव संजीव कौशल ने हड़ताली क्लर्कों के लिए 27 जुलाई को नो वर्क नो पे के आदेश जारी किए थे। जिसे सरकार की ओर से वापस ले लिया गया है। इससे पहले क्लर्कों की सरकार के साथ हुई बैठक के बाद हड़ताल को खत्म कर दिया गया था।
क्लर्कों ने ठुकरा दिया था सरकार का ऑफर, कमेटी तैयार करेगी रिपोर्ट
बैठक में सरकार की तरफ से 21,700 पे स्केल का ऑफर दिया गया था, लेकिन एसोसिएशन ने इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद मामले में दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों सहित करीब पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी तीन महीने क्लर्कों की सभी मांगों पर चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। तब तक राज्य व्यापी क्लर्कों की हड़ताल स्थगित रहेगी। वहीं सरकार ने हड़ताल पर चल रहे क्लर्कों को रूकी हुआ वेतनमान देने का भी निर्णय लिया है।