Kurukshetra में आज रविदास समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पैदल मार्च निकाला। यह मार्च गुरु रविदास मंदिर से शुरू होकर डीसी कार्यालय तक गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। पूरे देश में भारत बंद का आह्वान किया गया था, जिसमें एससी आरक्षण में बंटवारे के खिलाफ रोष जताया गया।
रविदास समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले को निरस्त करने की मांग की। उनका कहना है कि इस फैसले से दलित समाज में गहरा असंतोष है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों में देखने को मिलेगा। उनका कहना था कि वे राजनीति नहीं, बल्कि अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था
प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर था। डीसी ऑफिस के बाहर भारी मात्रा में पुलिस बल और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात की गईं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
संविधान में बार-बार संशोधन पर नाराजगी
प्रदर्शन के दौरान दलित समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार और कुछ ताकतें संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान को बदलने में लगी हैं। उनके मुताबिक, आरक्षण में बार-बार संशोधन करके एससी समाज के अधिकारों में छेड़छाड़ की जा रही है। समाज के लोगों ने मांग की कि सरकार को लोकसभा में बिल लाकर इस फैसले को बदलना चाहिए।