➤महेंद्रगढ़ जिले के गोलवा गांव में तेंदुए ने पशु बाड़े में घुसकर एक कटड़े पर हमला किया।
➤ग्रामीणों ने लाठियों और पत्थरों से तेंदुए को भगाया, पर वह फिर से लौट आया।
➤वन्यजीव विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाने की तैयारी शुरू की है।
नारनौल, महेंद्रगढ़।
राजस्थान सीमा से सटे महेंद्रगढ़ जिले के नांगल चौधरी क्षेत्र के गांव गोलवा में मंगलवार की रात एक तेंदुए ने पशुओं के बाड़े में घुसकर एक कटड़े पर हमला कर दिया। हमले के दौरान मवेशियों की जोर-जोर से आवाज सुनकर पशुपालक सुबेसिंह जागीरदार की नींद खुली। जब उन्होंने टॉर्च की रोशनी में देखा तो तेंदुआ कटड़े की गर्दन दबोचे हुए था और पंजों से शरीर को दबाए बैठा था।

टॉर्च की रोशनी पड़ते ही तेंदुआ सुबेसिंह की ओर गुर्राया, जिससे वह भयभीत हो गए और तुरंत अन्य ग्रामीणों को बुलाया। करीब 20-25 ग्रामीणों ने लाठियों, डंडों और पत्थरों की मदद से तेंदुए को बाड़े से खदेड़ा। पशुपालक घायल कटड़े को संभाल ही रहे थे कि तेंदुआ कुछ देर बाद फिर से वापस लौट आया। इस बार भी ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए उसे पहाड़ की ओर भगा दिया।
घटना की सूचना मिलने पर फॉरेस्ट विभाग के रेंजर रजनीश यादव और वाइल्ड लाइफ विभाग के निरीक्षक चरण सिंह मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने तेंदुए के होने की पुष्टि के लिए पहाड़ों से साक्ष्य जुटाने की बात कही है और तेंदुए को पकड़ने के लिए जल्द ही पिंजरा लगाने की योजना बनाई जा रही है।
गांव के निवासी राजाराम गोलवा ने बताया कि करीब दस दिन पहले भी तेंदुआ गांव के पास पहाड़ में देखा गया था और एक ग्रामीण ने उसका वीडियो भी बनाया था। इस संबंध में वन विभाग और वाइल्ड लाइफ विभाग को पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस लापरवाही के चलते अब तेंदुआ मवेशियों पर हमला करने लगा है।
घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। महिलाओं और युवाओं को अब पहाड़ की ओर जाने में डर लगने लगा है, जहां वे घास काटने या दौड़ने जाते हैं। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि कोई जनहानि न हो।
वाइल्ड लाइफ विभाग के निरीक्षक चरण सिंह ने कहा कि तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि के बाद उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर पिंजरे की व्यवस्था की जाएगी।

