Faridabad की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रेफर मुक्त फरीदाबाद का धरना लगातार 13वें दिन भी जारी रहा। रविवार को धरना स्थल पर अनोखे अंदाज में विरोध जताया गया। धरनारत लोगों ने मुंडन कराकर रोष व्यक्त किया। धरनारत लोगों ने कहा कि फरीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। ट्रॉमा सेंटर नहीं होने से गंभीर रूप से घायल मरीजों को इलाज के अभाव में दिल्ली के एम्स और सफदरजंग जैसे अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है, जिससे कई मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं।

मुंडन करवाकर जताया विरोध
अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने की मांग को लेकर लोगों ने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया। सेवा वाहन फरीदाबाद के प्रमुख सतीश चोपड़ा और अन्य प्रदर्शनकारियों ने अपना सिर मुंडवाकर दुख व्यक्त किया। उनका कहना है कि 26 लाख की आबादी वाले इस शहर में एक भी ट्रॉमा सेंटर नहीं है। यह प्रदर्शन 13 दिनों से सिविल अस्पताल के गेट के पास लगातार जारी है। घायलों को दिल्ली के बड़े अस्पतालों में रेफर करने की प्रक्रिया के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाता और कई बार मरीजों की मौत हो जाती है।

सरकार पर साधा निशाना
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे लोग आर्थिक संकट में फंस रहे हैं। सतीश चोपड़ा ने अपने विरोध को हिंदू रीति-रिवाज से जोड़ा और कहा कि जब किसी के परिवार में मृत्यु होती है तो मुंडन किया जाता है। “मैंने अपने शहर और देश को परिवार माना है। रोज सड़कों पर हो रही मौतें हमें झकझोरती हैं। जब तक सरकार ट्रॉमा सेंटर शुरू नहीं करेगी, हमारा विरोध जारी रहेगा।” हमारा सरकार से निवेदन है कि छायसां मेडिकल कॉलेज जो सफेद हाथी बना है। जल्द से जल्द आईपीडी शुरू हो। ट्रामा सेंटर शुरू किया जाए। बादशाह खान अस्पताल में डॉक्टरों और दवाओं के अभाव को दूर किया जाए।







