हरियाणा के महेंद्रगढ़े जिले के नारनौल में अटेली थाना क्षेत्र में स्थित गांव भीलवाड़ा में जमीन के झूठे कागजात बनाने और एक व्यक्ति की जमीन को अवैध रूप से हड़पने के मामले में अदालत ने अटेली के पूर्व तहसीलदार और गांव भीलवाड़ा के पूर्व पटवारी पर विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके बाद पुलिस ने पूर्व तहसीलदार और पटवारी सहित 7 लोगों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
गांव भीलवाड़ा के मुकेश कुमार और सांवल मल ने अदालत में एक मामला दर्ज करके उनके गांव के यादराम, सूबे सिंह, गुलाब देवी, अजीत कुमार और धनराज के अलावा गांव भीलवाड़ा के पूर्व पटवारी और मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गांव लाला रोडाई निवासी सुरेंद्र पर उनकी ज़मीन के झूठे कागजात बनाने का आरोप लगाया है। इन्होंने गांव की खसरा नंबर 78, जो सबसे मूल्यवान जगह है, को हड़पने के लिए एक षड्यंत्र बनाया।
पटवारी और तहसीलदार को भी किया शामिल
उस षड्यंत्र में उन्होंने पटवारी और तहसीलदार को भी शामिल किया, जबकि ये दोनों भूमि के मालिक नहीं थे। दो आरोपियों के नाम बदल दिए गए थे। इसमें पटवारी और तहसीलदार ने मिलकर एक नकली स्वीकृति बना दी, जबकि सभी खिलाफ उनकी जमाबंदी थी। जिस पर शिकायतकर्ता का दावा था कि उसकी मालिकाना हक को कब्जा किया गया है। इस प्रकार, इंतकाल नंबर 931 के आधार पर ही अगली जमाबंदी बनी और खतौनी नंबर 125 बन गई।
झूठे दस्तावेज बनाकर किया सारा काम
इस प्रकार, सभी अपराधी मिलकर एक साजिश बनाकर उसके हिस्से की ज़मीन को हड़पने की इरादा रखते हुए झूठे दस्तावेज बना कर कार्रवाई की। यह सारा कांड झूठे प्रमाण पत्रों के जरिए ही किया गया था। जिसमें सभी दोषी शामिल थे। इस पर अदालत ने थाना अटेली को सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, और 120 बी के तहत मामला दर्ज करके इसकी जांच करने का आदेश दिया है।