हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन पद पर नंदलाल शर्मा की नियुक्ति को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दी है। शर्मा को बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े नजदीकियों का हिस्सा माना जा रहा है। उन्होंने हरियाणा के कई आईएएस और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों को पीछे छोड़ दिया है।
बता दें कि नंदलाल शर्मा हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं और पहले भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन के अध्यक्ष और सह-प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। उन्होंने पहले निगम में सांविदानिक (एचआर) निदेशक के रूप में कार्य किया और फिर उपक्रम के कार्यकारी निदेशक (एचआर) के पद पर भी कार्यरत रहे। नंदलाल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर पढ़ाई की है और उन्होंने स्लोवानिया से एमबीए की उपाधि हासिल की है। उन्होंने प्रदेश सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर भी सेवाएं दी हैं।
31 आवेदकों के नामों पर किया गया विचार
इस मामले पर नियुक्ति कमेटी की मीटिंग में चर्चा हुई और 31 आवेदकों के नामों पर विचार किया गया। इसके बाद सरकार को भेजने के लिए 2 नामों पर सहमति बनाई गई है। जिसमें पहले तो पीके दास का नाम प्रमुख था, लेकिन बाद में नंदलाल शर्मा को भी शामिल कर दिया गया।
राजनीतिक-सामाजिक स्तर पर हो रही चर्चा
नंदलाल शर्मा के साथ मीटिंग में आईएस ललित सिवाच, सूचना आयुक्त ज्योति अरोड़ा, सतलुज विद्युत निगम के सीएमडी, रविंद्र सिंह ढिल्लो, नरेश सरदाना, नीता खेड़ा, दीप भाटिया, और ईश्वर सिंह दून जैसे बड़े नामों ने भी आवेदन किया था। जिसमें से नंदलाल शर्मा की नियुक्ति को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दी है, जिससे उन्हें एचईआरसी के चेयरमैन के पद पर देखा जाएगा। इस नियुक्ति का मुद्दा बन गया है, जिसमें राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा हो रही है।