राजस्थान के राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्याकांड की जाँच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की अलग-अलग टीमो ने बुधवार को राजस्थान और हरियाणा के 30 स्थानों पर रेड की। इनमें सिर्फ महेंद्रगढ़ के 7 गांवों में ही छानबीन जारी है। एक टीम ने हत्याकांड के शूटर नितिन फौजी के गांव दोंगड़ा जाट में भी जांच की है।
बुधवार की सुबह करीब 5 बजे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की टीमें ने अलग-अलग स्थानों पर एक साथ रेड की। अब तक 7 लोग हरियाणा के में ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जो सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के संबंधित हैं। महेंद्रगढ़ जिले के गुढ़ा, केमला, पाथेड़ा, खुडाना, दोंगड़ा जाट, सुरहेती, पिलानिया, मुंडिया खेड़ा में एनआईए की टीम जांच कर रही है। हत्या 5 दिसंबर को हुई थी।
गोदारा ने ली थी जिम्मेदारी
इस हत्याकांड में गैंगस्टर के जुड़े होने की वजह से इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था। गोगामेडी की जयपुर में पांच दिसंबर को उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मर्डर की जिम्मेदीरी भारत से फरार गैंगस्टर रोहित गोदारा ने ली थी। रोहित गोदारा लॉरेन्स बिश्नोई गैंग से जुड़ा है। रोहित गोदारा ने कुछ महीने पहले ही सुखदेव गोगामेड़ी को दुबई के नंबर से कॉल कर धमकी दी थी।
हत्या के आरोपी रोहित राठौर और नितिन फौजी सुखदेव सिंह के घर पहुंचे थे। रोहित राठौर राजस्थान के अलवर का रहने वाला है। जबकि नितिन फौजी हरियाणा के महेंद्रगढ़ का निवासी है। नितिन सेना में सिपाही है। उसकी पोस्टिंग राजस्थान के अलवर में है। 8 नवंबर को वह दो दिन की छुट्टी लेकर घर पहुंचा था। लेकिन इसके बाद उसने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की।
जब सुर्खियों में आए थे गोगामेड़ी
गोगामेड़ी फिल्म पद्मावत और गैंगस्टर आनंदपाल एनकांउटर मामले के बाद राजस्थना में हुए विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में आए थे। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। करणी सेना का गठन 2006 में हुआ था। लोकेंद्र सिंह कालवी ने एक अळग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया। साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन बाद में कोलवी और गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से एक अलग संगठन बनाया था।

