गुरुग्राम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनि कुमार मेहता की अदालत ने पत्रकार चित्रा त्रिपाठी और सैयद सोहेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। मामला 2013 में एक नाबालिग के वीडियो को तोड़-मरोड़कर प्रसारित करने से जुड़ा है, जिसमें परिवार की छवि को नुकसान पहुंचने का आरोप है।
सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों के अधिवक्ता अदालत में पेश हुए और हाजिरी माफी का आवेदन किया। अदालत ने यह याचिका खारिज करते हुए दोनों पत्रकारों की जमानत रद्द कर दी।
वीडियो छेड़छाड़ का मामला
आरोप है कि 2013 में पालम विहार में संत आसाराम बापू के एक कार्यक्रम का वीडियो तोड़-मरोड़कर प्रसारित किया गया था। इस घटना के कारण पीड़ित परिवार की छवि को भारी नुकसान हुआ।
अदालत ने 20 नवंबर को दोनों पत्रकारों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और पुलिस को 30 नवंबर तक गिरफ्तारी वारंट तामील कराने का निर्देश दिया है। अब इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। मामले ने मीडिया और न्यायपालिका के बीच चर्चा को फिर से गर्मा दिया है।