सुबह से ही बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय के बाहर मौजूद हैं। वे गुलाल लगाकर और मिठाई बांटकर बिल के पास होने का जश्न मना रही हैं। महिला आरक्षण बिल नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली स्थिति भाजपा कार्यालय पहुंचे। जहां पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया और धन्यवाद दिया।
भाजपा कार्यालय पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने महिला कार्यकर्ताओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आज देश की हर माता-बहन और बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसों 20 और 21 सितंबर को हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है। हम सबका सौभाग्य है कि ये अवसर हमें मिला है। आने वाली हर पीढ़ी तक इस दिवस की और इस निर्णय की चर्चा होगी।

नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा
यह कोई सामान्य कानून नहीं है। यह नए भारत का उद्घोष है, यह बहुत बड़ा और मजबूत कदम है। महिलाओं का जीवन सुधारने के लिए जो गारंटी मोदी ने दी थी, उसका यह प्रत्यक्ष प्रमाण है। मेरे देश की हर माता, बहन और बेटी को मैं फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
इस कानून के जरिए भाजपा महिलाओं की भागीदारी के लिए 3 दशक से प्रयास कर रही थी। यह हमारा कमिटमेंट था, आज हमनें इसे पूरा कर दिया है। इसमें कई बाधाएं थीं, लेकिन जब नीयत पवित्र हो तो परेशानियों को पार करके भी परिणाम लाती है।
कभी-कभी किसी निर्णय में देश का भाग्य बदलने की क्षमता होती है। हम ऐसे ही निर्णय के साक्षी हैं, जिस बात को देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था। वो सपना अब साकार हुआ है, यह देश के लिए खास समय है। यह भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए भी खास है।
आज हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है। पूरे देश की माताएं, बहनें बेटियां खुशी मना रही हैं, हमें आशीर्वाद दे रही हैं। करोड़ों माताओं बहनों के सपनों को साकार करने का आशीर्वाद हम भाजपा के कार्यकर्ताओं को मिला है। यह हमारे लिए गौरव करने का दिन है।
यह अपने आप में रिकॉर्ड है कि इस कानून को संसद के दोनों सदनों में व्यापक समर्थन मिला। पक्ष-विपक्ष ने भी राजनीति से उठकर इसका समर्थन किया, मैं सबको धन्यवाद देता हूं। कई कलाकार भी भाजपा कार्यालय के बाहर जश्न मनाने पहुंचे हैं।
7 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ बिल
बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। 20 सितंबर को लोकसभा में 7 घंटे की चर्चा के बाद यह बिल पास हो गया। इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। 21 सितंबर को बिल राज्यसभा में पेश हुआ। सदन में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया और बिल पास हो गया। अब ये बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। 50% विधानसभाओं से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर से यह कानून बन जाएगा।