किसानों के धरने के बाद, कर्मचारी यूनियनों ने भी हड़ताल की चेतावनी दी है। केंद्रीय और राज्य सरकारी कर्मचारी 18 मार्च को अपने-अपने क्षेत्रों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। साथ ही रेलवे और डिफेंस क्षेत्र के उद्योगों पर भी इसका असर पड़ सकता है। पिछले समय से कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को लेकर मांग है, जबकि सरकार नई पेंशन स्कीम का समर्थन कर रही है। अधिक जानकारी के लिए 18 मार्च को सरकार को अल्टीमेटम दिया जाएगा।
बता दें कि किसानों के प्रदर्शनों के साथ ही कर्मचारी यूनियनों ने भी बड़ा ऐलान किया है। ये यूनियन बिना समय सीमा के हड़ताल का ऐलान कर सकते हैं। जिससे देशभर में कामकाज ठप्प होने की आशंका है। एक बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार को 18 मार्च तक ज्ञापन दिया जाएगा। जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग की जाएगी। यदि सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया, तो सभी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित होगा और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
इसके अलावा कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में भी हड़ताल करेंगे। यह हड़ताल केवल केंद्र सरकार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राज्य सरकारों में भी कर्मचारी सरकार को अल्टीमेटम देंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल होंगे।
अगस्त में दिल्ली रामलीला मैदान में दिखाई थी ताकत
सरकार के निर्णय पर रेलवे और डिफेंस क्षेत्र के उद्योगों पर भी असर पड़ेगा। अगर सरकार निश्चित समय में कर्मचारियों की मांग नहीं मानती है, तो इससे इन क्षेत्रों के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल होंगे और अपनी मांगों के लिए कामकाज छोड़ देंगे।पिछले अगस्त को कर्मचारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी रैली की थी और सरकार को अपनी ताकत दिखाई थी। इस रैली में लाखों की भीड़ जुटी थी। कर्मचारी की लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग चल रही है।
पुरानी पेंशन स्कीम पर हिमाचल में भी उठ चुका कदम
पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए हिमाचल प्रदेश में सरकार ने कदम उठाया है। इससे पहले राजस्थान में भी पुरानी पेंशन योजना को प्रदेश के कर्मचारियों के लिए बहाल किया गया था। यह सभी विकल्प सरकार को अधिक संवेदनशील बना रहे हैं और कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखने के लिए उन्हें समय पर कदम उठाना चाहिए।