Now SIT will investigate ghost plant scam in Haryana

Haryana में अब Ghost Plant Scam की जांच करेगी SIT, DIG करेंगे टीम को लीड, Assembly Committee के सामने किया खुलासा

पंचकुला बड़ी ख़बर राजनीति हरियाणा

हरियाणा में दो साल पहले हुए घोस्ट प्लांट स्कैम की जांच अब विशेष जांच टीम (एसआईटी) करेगी। इस टीम को डीआईजी लीड करेंगे। इस खुलासे को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और एसीबी के चीफ शत्रुजीत कपूर ने विधानसभा की कमेटी के सामने किया। जिसके बाद अब इस मामले में फंसे आईएफएस जितेंद्र अहलावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

बता दें कि इस घोटाले का खुलासा 2022 में हुआ था, जिसके बाद वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने इसकी जांच के लिए एक पैनल गठित किया था। इस पैनल में तीन वन अधिकारियों को शामिल किया गया था। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में हेराफेरी की पुष्टि की थी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एक डीएसपी द्वारा मामले में एक आईएफसी अधिकारी को क्लीन चिट दिए जाने के बाद सरकारी आश्वासनों पर विधानसभा की समिति ने मामला उठाया। 2022 में विधानसभा में उठा था मुद्दा हरियाणा विधानसभा में इस स्कैम को 22 मार्च 2022 को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान उठाया गया था, जहां सरकार ने जांच रिपोर्ट पेश की और सतर्कता जांच का आश्वासन दिया था। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के डीएसपी देविंदर सिंह द्वारा आरोपी आईएफएस अधिकारी जितेंद्र अहलावत को क्लीन चिट दिए जाने के बाद एश्योरेंस कमेटी ने मामला अपने हाथ में ले लिया है। सुनवाई के दौरान डीजीपी शत्रुजीत कपूर और डीआईजी पंकज नैन समिति के सामने पेश हुए। नैन के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाने का निर्णय लिया गया।

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स्कैम से जुड़े फैक्ट्स स्कैम की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि वन विभाग से नए पौधों के लिए कोई लक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के बावजूद 27 जनवरी 2021 को पूर्व ठेकेदारों को उनका अनुबंध 28 जनवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 तक बढ़ाने के लिए पत्र जारी किया गया था। 31 अगस्त 2020 और 31 अक्टूबर 2020 को समाप्त हुआ। ठेकेदारों ने 1.87 करोड़ रुपए के कार्य एग्जिक्यूट किए थे।

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जांच में ये तथ्य आए सामने

नए पौधों के लिए कोई लक्ष्य नहीं था, लेकिन फिर भी पूर्व ठेकेदारों को उनका अनुबंध बढ़ाने का पत्र दिया गया।

एक आईएफएस अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया और उसे 16.85 लाख नए पौधे उगाने थे, लेकिन वास्तविकता में केवल 9.6 लाख पौधे ही उगाए गए।

51 लाख रुपए का गबन किया गया, लेकिन इसे श्रम या सामग्री के रूप में खर्च किया गया।

पॉलीथिन बैग के लिए भी घोटाला हुआ, जहां बहुत सारे पैसे बर्बाद किए गए।

इसके आलावा रिकॉर्ड में अनेक और गलतियां मिली। इसे साफ करने के लिए सामान्य जांच के साथ-साथ विशेष जांच भी होगी।

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