नूंह तथाकथित गौरक्षक व हिंदू संगठन से जुड़े बिट्टू बजरंगी को नूह हिंसा से जुड़े दर्ज एक मामले में जमानत मिल गई है। बिट्टू बजरंगी को 15 अगस्त के दिन तत्कालीन तावडू अपराध शाखा प्रभारी संदीप मोर की टीम द्वारा फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के ठीक 15 दिन बाद बिट्टू बजरंगी को रक्षाबंधन के पर्व पर नूंह कोर्ट द्वारा जमानत दी गई है। जानकारी के मुताबिक बिट्टू बजरंगी और उनकी टीम के अन्य साथियों पर नूंह हिंसा के दौरान पुलिस टीम से हथियार छीनने सहित सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का आरोप था। उप पुलिस अधीक्षक उषा कुंडू की शिकायत पर नूंह सदर थाना पुलिस ने बिट्टू बजरंगी सहित बीस अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।
बिट्टू बजरंगी से पांच तलवार बरामद हुई थी
गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट से एक दिन की रिमांड पर लिया गया। पुलिस पूछताछ के दौरान बिट्टू बजरंगी से पांच तलवार बरामद हुई थी। वही उनके अधिवक्ता की मांग पर बिट्टू को फरीदाबाद नीम का जेल में भेजा गया था। जमानत मिलने के बाद उम्मीदें है कि देर शाम तक नीमका जेल से उनके रिहाई हो जाएगी।
हथिश्सा छीनने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप
बिट्टू बजरंगी के मामले में खास बात यह रही कि 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व पर उनकी गिरफ्तारी की गई, तो वहीं 15 दिन बाद दूसरे पर्व रक्षाबंधन पर उन्हें जमानत मिली है। बता दे कि 31 जुलाई को नूंह में शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा छिड़ गई थी। जिसमें 6 लोगों की मौत होने के साथ-साथ बड़ी संख्या में वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसी हिंसा के दौरान बिट्टू बजरंगी और उनके साथियों पर भी पुलिस उप अधीक्षक उषा कुंडू सहित उनकी टीम से हथियार छीनने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी आरोप लगा था।