CM नायब सिंह सैनी की एक पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वे बीजेपी कार्यालय में कंप्यूटर पर काम करते हुए नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर उनकी कार्यप्रणाली और राजनीतिक करियर के शुरुआती दिनों को दर्शाती है।
इस फोटो को देखकर उनके समर्थक और कार्यकर्ता उनके समर्पण और कड़ी मेहनत को सलाम कर रहे हैं, जो उन्होंने पार्टी और राज्य की सेवा में दी है।
जानिए नायाब सैनी का राजनीतिक सफर
1990 के दशक में हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का विस्तार तेजी से हो रहा था। इस दौरान अंबाला के मिजापुर-माजरा गांव से एक युवक संघ से जुड़ा। उसने पंचकूला के संघ कार्यालय में मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की, जो उस वक्त संघ के प्रचारक थे। खट्टर ने उसे संघ की शाखाओं में भाग लेने और कम्प्यूटर सीखने की सलाह दी। युवक ने अपनी कठिनाइयों का जिक्र किया और खट्टर ने उसे संघ कार्यालय में रहने की व्यवस्था कर दी। वह खट्टर के साथ रहने लगा, और नरेंद्र मोदी भी जब हरियाणा आते, तो उसी युवक के कमरे में रुकते थे।
यह युवक धीरे-धीरे खट्टर के साथ भाजपा में शामिल हुआ और राजनीति में सक्रिय हो गया। 2009 में वह पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरा, लेकिन हार गया। हालांकि, पार्टी ने उसे बाद में महत्वपूर्ण पदों पर रखा और उसका राजनीतिक करियर धीरे-धीरे आगे बढ़ा।
नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिजापुर-माजरा गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय और मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से की। 1996 में उन्होंने भाजपा से जुड़कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और जल्द ही पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2009 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। फिर भी उन्होंने पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत की और 2014 में फिर से विधानसभा सीट पर जीत हासिल की।
सैनी की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें भाजपा में एक महत्वपूर्ण नेता बना दिया। 2019 में उन्होंने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और बाद में पार्टी द्वारा हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया।
2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के बीच, हरियाणा में BJP-JJP गठबंधन टूट गया। इस परिस्थिति में सैनी का नाम मुख्यमंत्री के रूप में उभरा। 12 मार्च 2024 को विधायक दल की बैठक में सैनी को नए मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया और शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने मंच पर बैठे मनोहर लाल खट्टर के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
इस राजनीतिक परिवर्तन ने यह सिद्ध कर दिया कि सैनी ने अपने राजनीतिक गुरु खट्टर की मदद से अपनी राह बनाई और आज वह हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए।