हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में आज से ओपीडी (आउटपेशेंट डिपार्टमेंट) फिर से शुरू हो रही है। इससे लोगों की भीड़ बढ़ सकती है, क्योंकि दो दिनों के बाद यह सेवा खुल रही है। फिर अगले दिन विदेश में पढ़े हुए डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण ओपीडी बंद रहेगी। अगर सरकार डॉक्टरों की मांगों को नहीं मानती है, तो 29 दिसंबर से ओपीडी बंद हो सकती है और इमरजेंसी सेवाएं भी बंद हो सकती हैं। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने इसे घोषित किया है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
बता दें कि डॉक्टरों की मांगों को लेकर पहले भी हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी कुछ समय के लिए बंद किया गया था। उन्होंने रोष प्रदर्शन भी किया था। मौसम के बदलते दौर में वायरल मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है और कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा भी है, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी के कारण उपचार नहीं मिल पा रहा है, जिससे मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

सरकार ने डॉक्टर्स संग बातचीत की थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी भी थे। उन्होंने डॉक्टरों की मांगों पर चर्चा की, लेकिन डॉक्टर्स की प्रमुख मांगों पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। सरकारी अस्पतालों की सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने चार मुख्य मांगें रखी हैं। इनमें डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन, कैरियर प्रोग्रेसिव योजना (एसीपी) की शुरुआत, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक और पीजी के लिए बॉन्ड राशि 1 करोड़ से 50 लाख की मांग शामिल है।