Haryana सरकार की भर्तियों को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन(HSSC) ने सुप्रीम कोर्ट(SC) में अपील दायर की है। मामले में HSSC ने चार अपीलें दाखिल की हैं। सुप्रीम कोर्ट(SC) की डबल बेंच जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसबीएन भट्टी ने मामले की सुनवाई की।
हरियाणा सरकार ने अनुरोध किया कि सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया जाए। इसके अलावा दो अन्य याचिकाएं भी हैं, जिन्हें आज की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया था। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध करके सोमवार के लिए डेट तय की जाए। हाईकोर्ट ने सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर विस्तृत आदेश में कहा था कि यह आरक्षण देने जैसा है। जब राज्य सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ दिया है, तो अलग से एक नई श्रेणी बनाने की जरूरत नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा था कि इस निर्णय के लिए न तो कोई डेटा एकत्रित किया गया और न ही कोई आयोग बनाया गया। पहले सीईटी में 5 अंकों का और फिर भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ देने से भर्ती का परिणाम पूरी तरह से बदल जाएगा। इन अंकों का फायदा सिर्फ पीपीपी धारकों को दिया गया है, जो संविधान के अनुसार सही नहीं है।
निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू
नियुक्ति में किसी फायदे को राज्य के लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। अनुच्छेद 15 और 16 तथा नीति निर्देशक सिद्धांत पूरे भारत में लागू होते हैं। सभी नागरिक रोजगार पाने के हकदार होते हैं और राज्य सरकार को सार्वजनिक रोजगार में नागरिकता के आधार पर विशेष आरक्षण लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगें और छह माह के भीतर भर्ती पूरी करें। हाईकोर्ट के आदेश से नियुक्ति पा चुके 23,000 कर्मचारियों को नई भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया था।

बर्खास्त करने का दिया गया था निर्देश
अगर ये कर्मचारी दोबारा आयोजित परीक्षा में पास नहीं होते हैं, तो उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया गया था। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्ती के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली थी। समान प्रकार की भर्तियों को क्लब करते हुए आयोग ने 63 ग्रुप बनाए थे। ग्रुप सी के 32,000 पदों में टीजीटी के 7,471 पद शामिल हैं। इसके अलावा, ग्रुप डी के 13,000 से अधिक पद हैं। इनमें से ग्रुप सी के 10,000 और ग्रुप डी के 13,000 पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद नियुक्ति दी जा चुकी है।
कंट्रोलर को सौंपी जिम्मेदारी
हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव को परीक्षा आयोजित करने में अनुभवी व्यक्ति को कर्मचारी चयन आयोग का सचिव नियुक्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि किसी यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।