(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) Guru Nanak देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष में 6वीं प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब माडल टाऊन से अमृत वेले 4 बजे निशान साहिब की अगुवाई में चल कर कुलदीप सिंह, अमरजीत सिंह और गुर्जर सिंह के निवास स्थान पर पहुंची। परिवार की तरफ से पुष्प वर्षा करके समूह संगत का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी प्रधान जगतार सिंह बिल्ला में कहा कि प्रभात फेरी का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन खासतौर से सिख धर्म में प्रभात फेरी को अधिक अहमियत मिली है। आज भी न सिर्फ सिख बल्कि दूसरे समुदायों के लोग भी गुरुपूर्व से पहले ही प्रभात फेरियां शुरू करते हैं, ताकि गली-गली घूमकर सिख गुरुओं की सीख को लोगों तक पहुंचाया जाए।
सुबह-सुबह गुरुद्वारों से निशान साहिब लेकर जत्थे गलियों में निकलते हैं। जहां-जहां से प्रभात फेरी निकलती है। वहां-वहां अब लोग चाय के साथ-साथ खाने-पीने के स्टॉल भी लगाते हैं। अब इन प्रभात फेरियों में हजारों लोग जुड़ने लगे कुछ लोगों का मानना है कि प्रभात फेरी का मकसद उन आलसी लोगों को सुबह समय से जगाना भी है जो अपने स्वार्थ के लिए भगवान को भूल चुके हैं। सुबह का समय भगवान को याद करने का होता है, ताकि आने वाला जीवन अच्छा बीते लेकिन कुछ लोग अपने आलस्य के चक्कर में आराधना से दूर होते जा रहे हैं।