Panipat में कुछ दिन पहले डीटीपी(action of DTP) की ओर से भैंसवाल अड्डे पर अवैध रूप से बन रहे गोदाम(Warehouse) पर कार्रवाई की गई थी। जिसमें अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर गोदाम(Warehouse) में चल रहे कार्य को रूकवाते हुए आगामी कार्रवाई की थी, परंतु उसके बावजूद भी गोदाम(Warehouse) संचालक ने खामोशी साधते हुए अपने कार्य को पूरा कर लिया और गोदाम(Warehouse) का ढांचा तैयार कर लिया गया। सवाल ये उठता है कि डीटीपी(action of DTP) व उनकी टीम ने कार्रवाई के बाद मामले में कोई गौर नहीं फरमाया।
बता दें कि शहरवासियों द्वारा पहले ही अफसरशाही को सरकार पर हावी बताया गया है, परंतु ये अफसरशाही शहर में हो रहे अवैध रूप के कार्यों पर ध्यान कम दे रही हैं। हालांकि यदि किसी बिल्डिंग बनाने वाले संचालक द्वारा अपनी कागजी कार्रवाई को पूरा किया जाता है, तो उसे पूरा करने के लिए भी सरकार की ओर से विभाग को कुछ दिनों का समय दिया गया हैं, लेकिन विभाग की ओर से भी लोगों के कार्यों को समय रहते पूरा नहीं किया जाता। जिसके चलते जहां एक ओर जनता ने अपने कार्यों को करने के लिए विभाग से मंजूरी लेना बंद कर दिया हैं, वहीं विभाग की कार्रवाई के बाद भी अपने कार्यों को पूर्णरूप से अंजाम दिया जा रहा है, चाहे विभाग की ओर से काम करने पर रोक लगाई गई हो।

वहीं मामले को लेकर जब विभाग के अधिकारियों से वार्तालाप की गई, तो डीटीपी प्रवीण चौहान ने कहा कि विभाग की ओर से कार्रवाई कर अवैध रूप से बन रहे गोदाम के कार्य पर रोक लगाई गई थी और बिल्डिंग को बनाने के लिए जो भी प्रयास किया गया था, उस पर भी कार्रवाई हुई थी। उसके बावजूद भी यदि गोदाम को बनाया गया है, तो विभाग अपनी कार्रवाई करेगा और फिर से गोदाम को गिराने का काम करेगा। वहीं जनता की मानी जाए, तो लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा कार्रवाई दिखाने के लिए की जाती हैं, ताकि गोदाम मालिक विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर सके और विभाग अपनी कोई अगली कार्रवाई न कर सके।
