नूंह हिंसा में पानीपत के अभिषेक की हत्या के बाद सरकार ने परिजनों की सभी मांगों को मंजूरी प्रदान कर दी है। परिजनों ने सुबह सिविल अस्पताल में मांगों को लेकर मृतक अभिषेक के शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था। इसके बाद नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री ने परिजनों की सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद घर ले जाया गया, जहां परिजनों व आस पड़ोस के लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है। जल्द ही शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा।
मृतक अभिषेक के परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया। परिजनों ने मुआवजे के रूप में सरकार से 2 करोड़ रुपये देने की मांग की थी। मांग पूरी नहीं करने तक शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया था। मौके पर पहुंचे सांसद संजय भाटिया व प्रशासनिक अधिकारी परिजनों को समझाने का प्रयास में जुटे रहे थे। उधर शहर में धारा 144 लगने के बाद नियमों की पालना नहीं की जा रही है। लोग धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। उपायुक्त ने 5 या इससे ज्यादा लोग एकत्रित होने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बाजारों में बंद का मिला-जुला असर है।
शहर में बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के आह़वान पर बंद रखा गया है। जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद की ओर से सनौली रोड पर मौजूद काशी गिरी मंदिर में बैठक की गई थी। बैठक में सभी बाजारों के प्रधान व दुकानदारों से बाजारों को बंद रखने का आह़वान किया गया था, लेकिन बाजारों में बंद का असर मिला-जुला नजर आ रहा है।
मुख्य कार्यक्रम व बैठकें स्थगित
नगर निगम में होने वाली सदन की बैठक को स्थगित कर दिया गया है।
आर्य पीजी कॉलेज में होने वाले व्यापार मंडल सम्मेलन को भी स्थगित कर दिया गया है।
बार एसोसिएशन की ओर से वर्क सस्पैंड कर दिया गया है।
एकत्रित होने पर पाबंदी
उपायुक्त के निर्देश जिले में धारा 144 लगाने के बाद उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया की ओर से कड़े निर्देश दिए गए हैं कि एक ही जगह पर 5 या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगाई गई है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने लोगों से आह़वान किया है कि जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है। कोई भी गैर कानूनी तरीके से सड़क मार्ग को रोकने या बंद करने का प्रयास न करें। लाठी-डंडे का प्रयोग केवल दिव्यांग जन ही कर सकते हैं। यदि कोई भी इन आदेशों का उल्लघंन करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।