पानीपत के सेक्टर 25, हुडा में ISKCON द्वारा आयोजित संकिर्तन कार्यक्रम में भक्तों ने श्री गौर-निताई जी की मूर्तियों की पूजा करते हुए नृत्य किया। इस पावन अवसर पर भक्तों ने सभी को आगामी भव्य जन्माष्टमी महोत्सव के लिए आमंत्रित किया, जो शाम भाग में आयोजित होगा।
जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव है, जो भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके दिव्य लीलाओं को स्मरण करने का अवसर है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और मध्यरात्रि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं।
कार्यक्रम का विवरण
संकिर्तन कार्यक्रम शाम 6 बजे से प्रारंभ होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाआरती भी शामिल होंगे। भक्त भगवान को झूला झूला सकते हैं और भगवान का महाअभिषेक कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से श्रीमान श्रीधाम प्रभुजी और उनकी टीम वृंदावन से आकर संकिर्तन में करेंगे।
प्रसाद का वितरण रात 8 बजे से महाआरती तक किया जाएगा और रात 12 बजे सभी के लिए रात्रि भोजन प्रसाद की व्यवस्था भी होगी।
ISKCON के बारे में
ISKCON (अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) की स्थापना 1966 में श्रील प्रभुपाद द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति को फैलाना और लोगों को आध्यात्मिक जीवन की ओर प्रेरित करना है। ISKCON के मंदिर और केंद्र विश्वभर में स्थित हैं, जहां नियमित रूप से भजन-कीर्तन, प्रवचन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भक्तों ने सभी से अनुरोध किया कि वे इस पावन अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करें।