Panipat में अंधेरा रहेगा कायम, कंपनियों को टैंडर देने के बाद भी Street Light चसबुझ

पानीपत

पानीपत, (आशु ठाकुर) : शहर में स्ट्रीट लाईटों को लेकर हमेंशा से ही माहौल खराब रहा है। जिसको लेकर नेताओं के कहने पर नगर-निगम अधिकारियों द्वारा बाहर से कंपनी से स्ट्रीट खरीदकर लगवाने के साथ-साथ कंपनी को खराब होने पर लाईटों को ठीक करने का भी टैंडर दिया, परंतु उसके बावजूद भी शहर की सडकों पर अधेरा कायम ही नजर आ रहा है।

जिसे देखकर साफतौर पर कहा जा सकता है कि नगर-निगम अधिकारी एवं पार्षद ही शहर को स्ट्रीट लाईटों की समस्या से उभारना नहीं चाहते है, क्योंकि सदन की हर बैठक में स्ट्रीट लाईटों का मुद्दा उठता है और अधिकारियों द्वारा बड़े-बड़े आश्वासन दिए जाते है।

बता दें कि शहर में करीब 17 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। जिनमें शहरी क्षेत्र में करीब 9 हजार और सेक्टरों की तरफ 7 हजार लाइट लगी हैं। फिल्हाल मुख्य सड़कों पर नई लगाई गई फैंसी लाइटों को छोड़कर अधिकतर लाईटें खराब पड़ी हुई है।

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7 अगस्त को हुई थी सदन की बैठक

देवीलाल कॉम्प्लेक्स स्थित नगर निगम कार्यालय के कॉन्फ्रैंस हॉल में 7 अगस्त को सदन की बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें अधिकतर पार्षदों द्वारा खराब स्ट्रीट लाईटों को लेकर मुद्दा उठाया गया था।

जिस पर नगर-निगम मेयर अवनीत कौर एवं सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट द्वारा कहा गया था कि खराब पड़ी स्ट्रीट लाईटों को ठीक करवाने के लिए एजेंसी को एक माह की पेमंट दी जाएगी। साथ ही 5 लाख रुपए का सामान खरीदा जाएगा। अभी तक न ही सामान खरीदा गया और न ही एजेंसी को पेमंट अदा की गई।

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विधायक की 10 हजार लाईटों का क्या रहा

करीब 2 वर्ष पहले पार्षदों की शिकायत पर निगम की सदन बैठक में शहरी विधायक प्रमोद विज द्वारा निगम अधिकारियों को 10 हजार स्ट्रीट लाईटें दी थी, ताकि शहर की उन जगहों पर स्ट्रीट लाईटें लगाई जा सके, जहां अंधेरा रहता है। वहीं अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि किसी भी पार्षद को लाईट न देकर कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाए कि वो पार्षद की बताई जगह पर स्वयं पहुंचकर लाईट लगाए। लेकिन पहले से लगी स्ट्रीट लाईटों के बावजूद भी 10 हजार नई स्ट्रीट लाईटों को लगाने के बाद भी शहर की सड़कों पर अंधेरा है, केवल फैन्सी लाईटें ही चंद मुख्य सड़कों पर रोशनी बिखेर रही है।

पार्षद नहीं पेमंट करने के हक में

नगर-निगम अधिकारियों की मानी जाए, तो एजेंसी द्वारा टैंडर लेने के पश्चात स्ट्रीट लाईटों को ठीक करने का काम ठीक प्रकार से किया था, लेकिन पेमंट ठीक समय पर न मिलने के कारण काम की गति पर फर्क पड़ा है। वहीं पार्षदों का कहना है कि हम पेमंट करने के हक में नहीं है, क्योंकि हमारे वार्ड में कोई भी स्ट्रीट लाईट ठीक नहीं की गई है।

पार्षद लोकेश नांगरू ने कहा कि मॉडल टाउन में सबसे ज्यादा लाइट खराब पड़ी हैं। पॉश एरिया में ये हाल है, तो अन्य क्षेत्रों में क्या हाल होगा। वहीं पार्षद सुमन रानी छाबड़ा ने कहा कि शुरूआत में तो काम हुए, बाद में बंद हो गए। पार्षद संजीव दहिया ने कहा कि अगर एजेंसी ने काम किया है, तो पेमेंट देने में कोई बुराई नहीं। पार्षद रविंद्र नागपाल ने कहा कि मेरे एरिया में कोई स्ट्रीट लाईट ठीक नहीं हुई है, इसलिए मैं पेमंट न करने के हक में हूं।

युवाओं ने बांधा था काला कपड़ा

पिछले दिनों समाजसेवी हिमांशु शर्मा के साथ मिलकर शहर के युवाओं ने भी कई जगहों पर बंद पड़ी स्ट्रीट लाईटों को काला कपड़ा पहनाने का काम किया था, उन्होंने बताया था कि इन बंद पड़ी स्ट्रीट लाईटों को लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन इनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है। जबकि अन्य शहरों में बंद होने वाली स्ट्रीट लाईटों पर स्वयं निगम के कर्मचारियों सहित पार्षदों द्वारा ध्यान रखा जाता है। यहां जनता ही ध्यान देती है, विभाग शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं देता।

सामान खरीदने पर कोई बात नहीं हुई : दुष्यंत भट्ट

नगर-निगम सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट ने कहा कि स्ट्रीट लाईटों का मुद्दा अहम है, क्योंकि सड़कों पर रोशनी अवश्य चाहिए। सदन बैठक के बाद से अब तक निगम आयुक्त निगम के कार्यो से कभी चंडीगढ़, कभी दूसरे शहरों में चल रहे है, जल्द समाधान होगा। स्ट्रीट लाईटों का सामान खरीदने पर कोई बात नहीं हुई है, अधिकारियों पर खराब लाइटों को ठीक जल्द करवाने के निर्देश दिए जाएंगे।

जल्द होगा समाधान : अवनीत कौर

नगर-निगम मेयर अवनीत कौर ने कहा कि अधिकारियों से विषय पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही शहर की स्ट्रीट लाईटों को ठीक करवाया जाएगा। जिसको लेकर अधिकारियों द्वारा एजेंसी से वार्तालाप की जा रही है।