Sakshi Gopal

Panipat : भौतिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए तपस्या जरूरी, भगवान की भक्ति ही एकमात्र साधन : Sakshi Gopal

पानीपत

Panipat : इस्कॉन कुरुक्षेत्र(ISKCON Kurukshetra) व इस्कॉन प्रचार समिति(ISKCON Prachar Samiti) पानीपत के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक नगरी पानीपत में श्रीमद् भागवत कथा(Shrimad Bhagwat Katha) व भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा महोत्सव(Rath Yatra Festival) का आयोजन किया जा रहा है।

सोमवार को प्रातकालीन सत्र में एक प्रभात फेरी का आयोजन किया गया, जो कि हरि नाम का संकीर्तन करते हुए स्थानीय सेक्टर 12 आशु गुप्ता के निवास स्थान से शुरू होकर राम निवास गुप्ता व विपिन अग्रवाल के निवास स्थान से होते हुई गोपाल फैशन वालो के निवास स्थान पर समाप्त हुई। प्रभातफेरी में इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास ने श्रीमद भगवत कथा सुनने के लिए एवं श्री कृष्ण भक्ति के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित किया। प्रभात फेरी में हरे कृष्ण महामंत्र का गुणगान करती हुई कृष्ण भक्तों की टोली भक्ति में झूमती व नृत्य करती हुई स्थानीय लोगों को भगवान श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा व श्रीमद भगवत कथा सुनने के लिए एवं श्री कृष्ण भक्ति के लिए प्रेरित कर रही थी।

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श्रीमद् भागवत कथा के दुसरे दिन इस्कॉन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष साक्षी गोपाल दास ने कथा व्यास करते हुए बताया कि अगर मनुष्य योनि को प्राप्त करके गोविंदा का भजन करोगे, तो भगवत धाम की प्राप्ति कर जाओगे, यह मौका सिर्फ मनुष्य योनि में ही संभव है। अन्यथा किसी और योनि मैं संभव नहीं है, भगवान की भक्ति ही एकमात्र साधन है, जो व्यक्ति तपस्या नही करेगा, वो ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता, जब भौतिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए तपस्या जरूरी है। ज्ञान को संभालने के लिए भी तपस्या जरूरी है और जिसको भगवान श्री कृष्ण की भक्ति प्राप्त करनी है, तो उससे चार तपस्या करने होगे पहले तपस्या उससे भगवान को भोग लगाकर भोजन ग्रहण करना होगा, दूसरी तपस्या उससे शराब आदि का त्याग करना होगा। इस मौके पर इस्कॉन प्रचार समिति अध्यक्ष सुन्दर लाल चुघ, आशु गुप्ता, अशोक गोयल, विशाल गोयल, देवेंद्र महाजन, गोपाल चोपड़ा, सनी अग्रवाल, पंकज मेंहदीरत्ता, राज कुमार माटा इत्यादि उपस्थित रहे।

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कृष्ण भजन पर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

उन्होंने कहा कि तीसरी तपस्या उससे जुआ आदि का त्याग करना होगा और चौथी तपस्या उससे अपनी पत्नी के अलावा किसी और की तरफ नहीं देखना यानी पराई स्त्री के तरफ नही जाना, जो व्यक्ति ये ये चार तपस्याओं का पालन करता है और प्रतिदिन महामंत्र की 16 माला का जाप करता है, तो वह व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण के भक्ति में लग जाता है और भगवान उससे बहुत प्रसन्न हो जाते है और उसपे अपने कृपा बनाए रखते है और उसके सारे संकट हर लेते है। एक सुंदर भजन गाया कि ‘तूने नाम जपन क्यों छोड़ दिया, तूने कृष्ण जपन क्यों छोड़ दिया, तूने काम न छोड़ा, क्रोध न छोड़ा, जूठे जग में जी ललचाकर असल वतन क्यों छोड़ दिया, तूने हरि जपन क्यों छोड़ दिया।

इस अवसर पर इस्कॉन प्रचार समिति के अध्यक्ष श्री सुन्दर लाल चुघ,, आशु गुप्ता, अशोक गोयल, विशाल गोयल ,देवेंद्र महाजन, गोपाल चोपड़ा, सनी अग्रवाल, पंकज मेंहदीरत्ता,, राज कुमार माटा इत्यादि उपस्थित थे। -  4

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