- हरियाणा में मंगलवार से 415 अनाज मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू
- अधूरी तैयारियों पर कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार को घेरा
- सरकार का दावा, खरीद प्रक्रिया के लिए पर्याप्त बारदाना और धन उपलब्ध
Wheat Procurement: हरियाणा में गेहूं खरीद शुरू होने के साथ ही सियासत तेज हो गई है। सरकार ने 415 मंडियों में खरीद प्रक्रिया शुरू करने का दावा किया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार पर आधी-अधूरी तैयारियों का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी सरकार के पक्ष में दावा कर रहे हैं कि सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं और बारदाने से लेकर भुगतान तक किसी भी स्तर पर कोई समस्या नहीं होगी। विपक्ष के आरोपों और प्रशासनिक सफाई के बीच मंडियों की स्थिति सवालों के घेरे में आ गई है।
हरियाणा में मंगलवार से 415 अनाज मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है। सरकार ने इस वर्ष 75 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, अभी भी कई मंडियों में तैयारियां अधूरी हैं। कई स्थानों पर बारदाना उपलब्ध नहीं है और मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है। इसके अलावा, मंडियों से गेहूं के उठान को लेकर टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है, जिससे किसानों को परेशानी हो सकती है।
कैथल जिले की पूंडरी अनाज मंडी में अब तक कोई विशेष तैयारी नहीं दिखी है। मंडी में फड़ अभी तक तैयार नहीं हुए हैं और सीवरेज का कार्य जारी होने के कारण किसानों और व्यापारियों को मंडी में पहुंचने में कठिनाई हो रही है। जिले के 51 अनाज खरीद केंद्रों के लिए छह लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए एक करोड़ 20 लाख बैग की जरूरत होगी। हालांकि, एजेंसियों के पास एक करोड़ 45 लाख बैग उपलब्ध हैं। इसी तरह कुरुक्षेत्र जिले में भी अव्यवस्थाओं के बीच मंगलवार से खरीद प्रक्रिया शुरू होगी, जहां 23 खरीद केंद्रों पर केवल 10 हजार गांठें बारदाने की उपलब्ध कराई गई हैं।
पानीपत के 12 खरीद केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं का संकट बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि बारदाने की कोई कमी नहीं है और जरूरत पड़ने पर इसे और मंगवाया जाएगा। हिसार जिले में भी गेहूं की खरीद को लेकर तैयारियां की जा चुकी हैं, लेकिन मंडी के शेड अभी पूरी तरह से खाली नहीं हुए हैं। बालसमंद और कैमरी में भी खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, फतेहाबाद में स्ट्रीट लाइट और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था अभी की जा रही है।
इस मामले में कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल घोषणाएं कर रही है, जबकि धरातल पर सुविधाओं की भारी कमी बनी हुई है। उन्होंने मांग की कि सरकार को तुरंत प्रभाव से किसानों की परेशानियों को दूर करना चाहिए।
हालांकि, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक राजेश जोगपाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य में बारदाने की कोई कमी नहीं है। कुछ जिलों में उठान के टेंडर की प्रक्रिया बाकी है, लेकिन अधिकतर जगहों पर यह कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि सरकार ने 6653.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत कर दी है, जिससे किसानों को भुगतान में कोई देरी नहीं होगी। बैंकर्स को निर्देश दिए गए हैं कि गेट पास जारी होने के 48 से 72 घंटे के भीतर किसानों के खातों में भुगतान कर दिया जाए।