(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) गांधी स्मारक Nidhi Ashram, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के स्वाध्याय आश्रम पट्टीकल्याणा में 76वां गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। लेकिन इस बार समारोह में ऐसी जानकारी साझा की गई, जो शायद ही आपने पहले सुनी हो।
कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम से हुई और ध्वजारोहण गांधी स्मारक निधि की न्यासी मंडल सदस्य हेमलता रावत ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे लागू होने में केवल 6 मिनट बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी?
संविधान के निर्माण की अनसुनी कहानी
कार्यक्रम के दौरान सचिव आनंद कुमार शरण ने भारत के संविधान से जुड़े कुछ ऐसे पहलुओं को उजागर किया, जो सुनकर हर कोई चौंक गया। संविधान को हाथ से लिखा गया था, और इसे लिखने का जिम्मा सुलेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को दिया गया। उन्होंने इस कार्य के लिए कोई शुल्क नहीं लिया, केवल यह शर्त रखी कि हर पन्ने पर उनका नाम और अंतिम पन्ने पर अपने दादा का नाम लिखेंगे।
क्या आपको पता है कि इस पांडुलिपि को लिखने में 6 महीने लगे और इसमें 432 विशेष कलम और 303 नंबर की निबों का इस्तेमाल किया गया? यह पांडुलिपि आज भी संसद की लाइब्रेरी में विशेष नाइट्रोजन भरे बक्सों में सुरक्षित रखी है।
संविधान के पन्नों पर इतिहास की झलक
शांति निकेतन के प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस ने हर पन्ने को भारतीय संस्कृति और इतिहास जैसे मोहनजोदड़ो, रामायण, महाभारत, और सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म के विस्तार की कलाकृतियों से सजाया। गांधी स्मारक पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा झंडा गीत का गायन किया गया और राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति और स्कूल के छात्र-शिक्षक उपस्थित रहे।