Haryana में BJP की तीसरी बार सरकार बनने के बाद जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) और सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (CDLU) के कुलपतियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, जबकि उनका कार्यकाल अभी शेष था। माना जा रहा है कि दोनों कुलपतियों से सरकार ने इस्तीफा मांगा था, हालांकि इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताए गए हैं। राज्यपाल ने इनके इस्तीफे को तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।
चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी: डॉ. रणपाल सिंह का इस्तीफा
चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में डॉ. रणपाल सिंह ने 10 जून 2022 को कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला था। उनका कार्यकाल 2025 में समाप्त होने वाला था, लेकिन निजी कारणों से उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। डॉ. रणपाल सिंह इससे पहले डीएवी कॉलेज यमुनानगर के प्राचार्य रह चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. रणपाल को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपना समर्थक मानते हुए कुलपति पद पर नियुक्त किया था। डॉ. रणपाल से पहले प्रो. आरबी सोलंकी इस पद पर थे, जिनका कार्यकाल 22 जनवरी 2022 को समाप्त हो गया था। उसके बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय: प्रो. अजमेर सिंह मलिक का इस्तीफा
वहीं सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल 24 दिसंबर को समाप्त होने वाला था। हालांकि सरकार ने उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दिया था। नया कुलपति नियुक्त करने की प्रक्रिया के दौरान, प्रो. मलिक ने इस्तीफा दे दिया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने 28 नवंबर को प्रो. मलिक का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें कुलपति के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया। राज्यपाल के पत्र में बताया गया कि हरियाणा सरकार की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है और नए कुलपति के पदभार ग्रहण करने तक उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव प्रो. मलिक के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
नवीन कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
दोनों विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है।