Bhiwani में ग्राम पंचायत बीरण ने एनिमल सिंपैथी ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर पशुओं पर माइक्रोचिप लगाने का अनूठा अभियान शुरू किया है। इस कदम से सड़क पर घूम रहे बेसहारा गोवंश के मालिकों की पहचान करना अब आसान हो जाएगा। यह तकनीक गोवंश की पहचान, लोकेशन ट्रैकिंग और स्वास्थ्य देखभाल में बड़ा बदलाव लाने का वादा करती है।
जिला पार्षद प्रतिनिधि मोनू देवसर और बीरण के सरपंच प्रतिनिधि जोगेंद्र सिंह ने बताया कि हर गोवंश को माइक्रोचिप लगाई जा रही है, जिसमें उसकी पहचान, उम्र, नस्ल, बीमारी और टीकाकरण का रिकॉर्ड शामिल होगा। माइक्रोचिप से गोवंश को खोने, चोरी होने या स्थान बदलने पर भी उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सकेगी।

सड़क दुर्घटनाओं और तस्करी पर लगेगी लगाम
मोनू देवसर ने बताया कि यह तकनीक गोवंश की लोकेशन ट्रैक करने में मदद करेगी, जिससे सड़क दुर्घटनाओं और यातायात समस्याओं को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा, माइक्रोचिप पशु तस्करी रोकने में भी प्रभावी साबित होगी।
आधुनिक पशुपालन में बड़ा कदम

माइक्रोचिप तकनीक से पशु प्रबंधन को डिजिटल रूप में संगठित किया जा सकेगा। गोवंश की नस्ल और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का सटीक रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिससे उनकी बेहतर देखभाल और प्रबंधन संभव होगा।
समाज को नई दिशा
ग्राम पंचायत बीरण के इस कदम का उद्देश्य लोगों को अपने पालतू पशुओं को घर में रखने और बेसहारा गोवंश को गोशालाओं में भेजने के लिए प्रेरित करना है। यह तकनीक न केवल पशु संरक्षण में योगदान देगी, बल्कि समाज में पशुओं के प्रति जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करेगी।

ग्राम पंचायत बीरण का यह अभियान पशु कल्याण के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर संकेत करता है और इसे आधुनिक पशुपालन का एक आदर्श कदम माना जा रहा है।







