➤यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से हरियाणा में खतरा
➤200 घर खाली, 2000 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे
➤प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लगातार मॉनिटरिंग
हरियाणा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। खतरे के हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि बुधवार तक फरीदाबाद के गांव बसंतपुर से लगभग 200 घर खाली कर दिए गए और करीब 2000 लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए। गांवों में तालेबंद मकान और सुनसान गलियां इस प्राकृतिक संकट की भयावह तस्वीर को बयां कर रही हैं।

स्थानीय प्रशासन के अनुसार यमुना में पानी का स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। पिछले दो दिनों में भारी बारिश और ऊपरी क्षेत्रों से छोड़े गए पानी के कारण नदी का बहाव तेज हो गया है। कई गांवों में पानी भरने की आशंका के चलते प्रशासन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था और लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की थी।

ग्रामीणों का कहना है कि इस बार यमुना का जलस्तर पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ा है। लोग अपने जरूरी सामान, बच्चों और पशुधन को लेकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के घर शरण लिए हुए हैं तो कई परिवार अस्थायी शिविरों में शिफ्ट किए गए हैं। महिलाओं और बुजुर्गों को निकालने में प्रशासन को खासा समय और मेहनत करनी पड़ी।
मौके पर राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन की ओर से नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। मेडिकल टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों में अस्थायी राहत कैंप बनाए हैं, जहां खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई है।

हालांकि, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें बाढ़ की चेतावनी देर से दी गई, जिसके कारण कई लोगों को अचानक घर छोड़ना पड़ा। कुछ जगहों पर पशुओं को बचाने में काफी दिक्कत आई और कई किसानों की फसलें जलमग्न होने के कगार पर हैं। बाढ़ का खतरा बढ़ने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
इस बीच, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यमुना में पानी छोड़े जाने की मात्रा और बारिश की स्थिति के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। सुरक्षा बलों और आपदा प्रबंधन टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
स्थानीय लोगों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। यमुना किनारे बसे गांवों के लोग लगातार नदी के बहाव पर नजर रखे हुए हैं और प्रशासन से तत्काल और ठोस कदम उठाने की अपील कर रहे हैं। फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना और उन्हें आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराना है।

